सॉफ्टवेयर में खामी के कारण दो महीने से मकान का नक्शा नहीं हो रहा पास
एक-एक आर्किटेक्ट के पास स्वीकृति के लिए पड़े हैं 50 तक नक्शे। - अभी भी पुराने सिस्टम से
- एक-एक आर्किटेक्ट के पास स्वीकृति के लिए पड़े हैं 50 तक नक्शे
- अभी भी पुराने सिस्टम से ही स्वीकृत किए जा रहे हैं नक्शे
जागरण संवाददाता, पटना : ऑटोमैप सॉफ्टवेयर में खामियों के चलते मकानों के ऑनलाइन नक्शे पास नहीं हो रहे हैं। लिहाजा पिछले दो महीनों से मकानों के नक्शे पास करने का काम ठप है। इस कारण एक-एक आर्किटेक्ट के पास लगभग 40-50 की संख्या में नक्शे स्वीकृति के लिए पड़े हुए हैं। नक्शे पास नहीं होने की वजह से मकानों का निर्माण कार्य भी बंद है। यह सॉफ्टवेयर टेपर (गैरआयताकार) प्लॉट को समझ ही नहीं पा रहा है। यही नहीं ऑटोमैप से नक्शे की स्वीकृति में दूसरी सबसे बड़ी बाधा शहर के मास्टर प्लान के नक्शे को लेकर भी आ रही है। मास्टर प्लान में राजधानी की कई सड़कों की चौड़ाई बढ़ गई है, लेकिन नक्शे में यह नहीं दर्शाया गया है कि कौन सी सड़क किधर से और कितनी चौड़ी हुई है। इस वजह से भी नक्शे पास नहीं पा रहे हैं। इस बाबत आर्किटेक्ट सुधेंदु रंजन ने बताया कि ऑटोमैप सॉफ्टवेयर में खामियों के कारण ऑनलाइन नक्शे की स्वीकृति बंद है। इसके अलावा अभी भी निगम की साइट पर पुराने सिस्टम से भी नक्शे पास कराने के लिए ऑनलाइन भुगतान लिया जा रहा है। इसके बाद जब नक्शे की हार्ड कॉपी लेकर लोग निगम के दफ्तर पहुंचते हैं तो उन्हें ऑटोमैप पर मकान का नक्शा अपलोड करने को कहा जाता है।
1.80 करोड़ की लागत से बना था सॉफ्टवेयर
गौरतलब है कि नगर निगम द्वारा मार्च से मकानों का ऑनलाइन नक्शा जारी करने की व्यवस्था की गई थी। इसके लिए 1.8 करोड़ की लागत से सॉफ्टवेयर बनाया गया था, जिसे ऑटोमैप नाम दिया गया था। मकान बनाने के लिए सारी जानकारी भरकर इस साइट पर अपलोड करने के बाद बड़े मकानों का तीन सप्ताह के अंदर और छोटे आवासीय घरों की स्वीकृति 24 घटे में देने की बात कही गई थी।