लोकसभा चुनाव: महागठबंधन में जगह नहीं पा सकी NCP कन्हैया के लिए हुई एक्टिव
महागठबंधन में इस बार जगह नहीं पा सकी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी बेगूसराय में कन्हैया कुमार के पक्ष में सक्रिय हो गई है। राकांपा के राष्ट्रीय महासचिव डीपी त्रिपाठी बिहार पहुंचे हैं
पटना, एसए शाद। बिहार में महागठबंधन में इस बार जगह नहीं पा सकी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) बेगूसराय में कन्हैया कुमार के पक्ष में सक्रिय हो गई है। राकांपा के राष्ट्रीय महासचिव डीपी त्रिपाठी रविवार को अपने सहयोगियों के साथ पटना पहुंच गए। वह सोमवार से बेगूसराय में चुनावी सभाएं करेंगे। बेगूसराय में महागठबंधन की ओर से राजद के डा. तनवीर हसन मैदान में हैं, जबकि एनडीए ने भाजपा के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है। जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार भाकपा के उम्मीदवार हैं। महागठबंधन में प्रदेश में भाकपा को भी शामिल नहीं किया गया है।
बिहार से संसद में राकांपा का प्रतिनिधित्व कर रहे तारिक अनवर ने चुनाव से कुछ ही दिनों पूर्व कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। महागठबंधन ने इस बार उन्हें ही कटिहार से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव में उतारा। नतीजे में प्रदेश में महागठबंधन के अंदर राकांपा के हिस्से में तालमेल में एक भी सीट नहीं आई। हालांकि डीपी त्रिपाठी ने खुद राजद प्रमुख लालू प्रसाद से रांची के रिम्स में जाकर मुलाकात की थी, और कटिहार से मो. शकूर को राकांपा का उम्मीदवार बनाने का आग्रह किया था। उनका कहना था कि कटिहार राकांपा की सिटिंग सीट है और कायदे के हिसाब से यह सीट उसे ही मिलनी चाहिए। लेकिन महागठबंधन में बात नहीं बन पाई। राकांपा ने फिर भी मो. शकूर को कटिहार से अपना उम्मीदवार बनाया। कटिहार लोकसभा सीट पर दूसरे चरण में ही 18 अप्रैल को मतदान हो चुका है।
बिहार के बाहर हालांकि राकांपा ने अपना अलग राजनीतिक रुख अपना रखा है। पार्टी भले ही बेगूसराय में महागठबंधन के उम्मीदवार को समर्थन नहीं दे रही, मगर पार्टी उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन को समर्थन दे रही है। इसके अलावा अमेठी में राहुल गांधी और रायबरेली में सोनिया गांधी के लिए प्रचार करने की घोषणा कर चुकी है। इन दो सीटों पर सपा-बसपा ने भी अपने उम्मीदवार नहीं दिए हैं। सूत्रों ने बताया कि अमेठी में तो राकांपा की ओर से राहुल गांधी के लिए चलाए जाने वाले प्रचार अभियान की कमान खुद डीपी त्रिपाठी संभालेंगे। जहां तक बेगूसराय की बात है तो त्रिपाठी भी जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं और इस कारण भी वह कन्हैया कुमार के चुनाव में विशेष रूचि ले रहे हैं। उनका मानना है कि कन्हैया कुमार छात्र राजनीति से निकली एक सशक्त आवाज है, जिसका समर्थन करना चाहिए।
जानकार बताते हैं कि प्रदेश में अगर राकांपा में तारिक अनवर के अलावा और भी कोई वरिष्ठ नेता मौजूद रहता तो वैसी स्थिति में राकांपा अवश्य महागठबंधन का हिस्सा रहती। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार बिहार सहित अन्य राज्यों में कांग्रेस का दूसरे दलों से तालमेल कराने में सक्रिय रहे हैं। दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच तालमेल के लिए भी पवार लगातार कोशिश करते रहे, हालांकि बात नहीं बन पाई।