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बालिका गृह कांड: तेजस्वी ने लगाए बड़े आरोप, कहा-सवालों का जवाब दें CM नीतीश

मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड मामले में तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला है और पूछा है कि-बताएं आप क्यों इस केस के सीबीआइ जांच से बच रहे थे?

By Kajal KumariEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 02:39 PM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 07:14 PM (IST)
बालिका गृह कांड: तेजस्वी ने लगाए बड़े आरोप, कहा-सवालों का जवाब दें CM नीतीश
बालिका गृह कांड: तेजस्वी ने लगाए बड़े आरोप, कहा-सवालों का जवाब दें CM नीतीश

पटना, जेएनएन। मुज़फ़्फ़रपुर बालिका गृह कांड मामले में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रेस कांफ्रेंस कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से तीखे सवाल किए हैं और उन सबका जवाब मांगा है। तेजस्वी ने आरोप लगाते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश इस मामले में सीधे तौर पर दोषी हैं, इसीलिए वे इसकी सीबीआइ जांच कराने से डर रहे थे।

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तेजस्वी ने पूछा कि बलात्कार कांड में सीबीआइ अधिकारी का तबादला नहीं करने के कोर्ट के आदेश के विपरीत जाकर, कोर्ट की अवमानना कर सीबीआइ निदेशक ने तत्कालीन अनुसंधानकर्ता एसपी का बिना कारण बताए अचानक तबादला क्या इसलिए किया गया था ताकि वो “पटना वाले बड़े साहब” को बचा सके? ऐसा क्यों किया गया?

नीतीश जी तो छाती पीट तत्कालीन समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को निर्दोष बता रहे थे परंतु जब कांड का कच्चा चिट्ठा खुला एवं मीडिया में ब्रजेश ठाकुर की सीडीआर डिटेल्स में मिलीभगत का पर्दाफ़ाश होने और विपक्ष व जनदबाव के कारण मंजू वर्मा का इस्तीफ़ा लेना पड़ा। सीएम बताएं उसे क्यों बचा रहे थे?

मामला उजागर होने पर नीतीश जी ने एकदम सिरे से हमारी सीबीआइ जांच की मांग को ख़ारिज किया? उन्हें सीबीआइ जांच का डर क्यों था?

जब हमने मुजफ्फरपुर बालिका गृह का दौरा कर वहाँ बच्चियों के साथ किए गए डरावने और अमानवीय कृत्यों को पब्लिक डोमेन में रखा तब जाकर दबाव मे केस सीबीआइ को सुपुर्द करना पड़ा।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुज़फ़्फ़रपुर बलात्कार कांड में स्पष्ट और सीधे रूप से संलिप्त है क्योंकि इन्होंने TISS की रिपोर्ट आने के दो महीनों तक ब्रजेश ठाकुर पर एफआइआर नहीं होने दी।जेल नहीं भेजा। दबाव में भेजा तो जेल में मोबाइल समेत तमाम सुविधाएँ प्रदान की।बच्चियों को ग़ायब किया गया।

मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर से जेल में चर्चित डायरी बरामद हुई थी जिसमें "पटना वाले बड़े सर” का ज़िक्र था? क्या सीबीआइ ने खोज लिया था वह “पटना वाला बड़ा सर” कौन है? क्या सीबीआइ जांच की आंच उस “बड़े सर” के पास पहुंच गयी थी जिसके चलते आनन-फ़ानन में सीबीआइ अधिकारी का तबादला किया गया था?

आप बताइये क्या यह मामला संदेहास्पद नहीं है? क्योंकि सीबीआई निदेशक स्तर का अधिकारी “किसी बड़े व्यक्ति” को बचाने के लिए ही कोर्ट की अवमानना करने का जोखिम उठायेगा? बाद में उस सीबीआइ अधिकारी को कोर्ट की अवमानना का दोषी क़रार कर माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने जुर्माने के साथ सज़ा भी दी?

नीतीश कुमार ने आइपीआरडी मंत्री की हैसियत से ब्रजेश ठाकुर के बिना सर्कुलेशन के विभिन्न अख़बारों को लगातार वर्षों तक करोड़ों-करोड़ के विज्ञापन क्यों दिए? क्या इस दृष्टिकोण से भी सीबीआई को मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ जाँच-पड़ताल नहीं करनी चाहिए? किस आधार पर उसे अनवरत विज्ञापन दिए गए?

अनाथ 34 बच्चियों के जनबलात्कार के मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर को सत्ता पक्ष द्वारा हर कदम पर बचाने, देरी करने, सबूतों को मिटाने की कोशिश बार-बार किसके इशारे पर हुई? नीतीश जी बताए ऐसी किन बातों का ब्रजेश ठाकुर राजदार है कि उन्हें सरकार द्वारा संरक्षण प्रदान किया जा रहा था?

सीएम नीतीश ने केस में सीबीआई जाँच में सबूत जुटा सहयोग करने वाली तत्कालीन ज़िला पुलिस अधीक्षक हरप्रीत कौर को सम्मानित करने की बजाय उनका तबादला क्यों किया? वो केस से संबंधित सभी जानकारियाँ जुटा रही थी तो क्यों उन्हें मुज़फ़्फ़रपुर से आनन-फ़ानन में हटाया क्या? मुख्यमंत्री जवाब दें?


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