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विपक्ष पर सीएम नीतीश का कड़ा प्रहार, कहा- बिहार में क्राइम अंडर कंट्रोल

बिहार में विपक्ष की ओर से अपराधों के बढ़ने के लगाए जा रहे आरोपों पर बुधवार को सीएम नीतीश कुमार खुलकर बोले। कहा कि बिहार में क्राइम अंडर कंट्रोल है। पढ़ें इस खबर में और क्‍या बोले

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Wed, 13 Feb 2019 10:01 PM (IST)Updated: Wed, 13 Feb 2019 10:01 PM (IST)
विपक्ष पर सीएम नीतीश का कड़ा प्रहार, कहा- बिहार में क्राइम अंडर कंट्रोल
विपक्ष पर सीएम नीतीश का कड़ा प्रहार, कहा- बिहार में क्राइम अंडर कंट्रोल

पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार में विपक्ष की ओर से अपराधों के बढ़ने के लगाए जा रहे आरोपों पर बुधवार को सीएम नीतीश कुमार खुलकर बोले। उन्होंने विधानसभा में विपक्ष के आरोप पर जमकर पलटवार किया। कहा कि बिहार में क्राइम अंडर कंट्रोल है। अपराधों में कमी आई है। 

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उन्होंने कहा कि विधि व्यवस्था राज्य सरकार की पहली जिम्मेदारी है। 2001-05 के मुकाबले 2014-18 के दौरान विभिन्न आपराधिक घटनाओं में काफी कमी आई है, जबकि आबादी में करीब 20 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट बताती है कि प्रति एक लाख की आबादी पर आपराधिक घटनाओं का राष्ट्रीय औसत 233.6 है, जबकि बिहार में यह औसत 157.4 का है। 

क्राइम में बिहार में देश में 22वां स्‍थान पर

सीएम ने कहा कि 2001 से 2005 के दौरान प्रति वर्ष औसतन 3638 हत्या और 356 फिरौती के लिए अपहरण हो रहे थे। वहीं, 2014 से 2018 के दरम्यान हर साल औसत 2980 हत्या और मात्र 39 फिरौती के लिए अपहरण हुए हैं। संज्ञेय अपराध के मामले में बिहार का अभी देश में 22वां स्थान है, जबकि हत्या में 17वां और डकैती में 15वां स्थान है। फिरौती के लिए अपहरण के मामले में बिहार अंतिम पायदान पर है। 

नीतीश ने ली विपक्ष पर चुटकी

उन्होंने विपक्ष पर चुटकी लेते हुए कहा कि पहले अपराध की इतनी घटनाएं होती थीं, कि अखबारों में छपना मुश्किल था। आज अपराध की कम घटनाएं हो रही हैं, इसलिए समाचार पत्रों में छप रही हैं। राज्यपाल के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस में सरकार का उत्तर देने के क्रम में उन्होंने बताया कि प्रदेश के 341 थानों में अनुसंधान के लिए अलग पुलिस अफसर तैनात हो चुके हैं। शेष 760 थानों में एक माह के अंदर यह काम पूरा हो जाएगा। उन्होंने कई उदाहरण देते हुए बताया कि आपराधिक घटनाओं में त्वरित कार्रवाई हो रही है। भोजपुर के बिहिया में पिछले अगस्त में एक महिला को नग्न कर घुमाया गया था। इस मामले में 90 दिनों में अनुसंधान पूरा कर 20 अभियुक्तों को सजा दिलाई गई है। छह फरवरी को मुजफ्फरपुर में मुथूट फाइनांस के कर्मी से दो लाख नगद और 32 किलो सोने की लूट हुई थी। इस मामले में 10 फरवरी को एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर डेढ़ किलो सोना बरामद किया गया। फिर बेगूसराय में एक की गिरफ्तारी हुई और उसकी निशानदही पर वैशाली में एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर 25 किलो सोना बरामद किया गया। इसी तरह किशनगंज में 4 फरवरी को हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना में छह में से चार नामजद अभियुक्त गिरफ्तार किए गए हैं। 

मॉब लिंचिंग की कोई घटना नहीं

नीतीश कुमार ने कहा कि प्रदेश में मॉब लिंचिंग की कोई घटना नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि यह शब्द उत्तर प्रदेश से प्रचलित हुआ है और सांप्रदायिक घटनाओं से इसे जोड़ कर देखा जाता है। विपक्ष जिस घटना का जिक्र कर रहा है, वह ऐसी घटना नहीं है। चोर को लोग पकड़कर पीटने लगे। ऐसा तो बहुत दिनों से समाज में होता आया है। ऐसी घटनाओं को कौन बर्दाश्त करेगा। इसके दोषी बख्शे नहीं जाएंगे। राजद के सदस्य इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुए। भाकपा(माले) के सदस्य सदन से वाकआउट कर गए।

सख्ती से लागू की जा रही शराबबंदी

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शराबबंदी सख्ती से लागू की जा रही है। लापरवाही बरतने वाले सरकारी कर्मियों को भी बख्शा नहीं जा रहा। अबतक 349 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हुई है। इनमें से 51 को तो सेवामुक्त किया गया है। मद्य निषेध विभाग के 20 कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट दिखाते हुए कहा कि शराब के कारण विश्व में हर साल करीब 30 लाख लोगों की मौत होती है, जो कुल मृत्यु का 5.3 प्रतिशत है। इससे विभिन्न प्रकार की बीमारियों भी होती हैं। कुछ लोग शराब की 'होम डिलिवरी' की बात कर मेरा मजाक उड़ाते हैं, लेकिन दोषियों को पकड़वाने में मदद नहीं करते। सरकार ने ऐसी शिकायत के लिए टॉल फ्री फोन नंबर जारी किए हैं। इन पर अबतक 14688 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें से 14614 का निष्पादन हो चुका है। राजद के सदस्य उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और सदन से वाकआउट कर गए।


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