पटना की सड़कों पर वकीलों का पैदल मार्च, अपनी मांगों के समर्थन में लगाए नारे
बार काउंसिल ऑफ इंडिया के आह्वान पर वकीलों की हड़ताल का असर पटना में भी देखने को मिला। बड़ी संख्या में अधिवक्ता राजधानी की सड़कों पर पैदल मार्च करते रहे।
पटना, जेएनएन। बार काउंसिल ऑफ इंडिया के आह्वान पर पटना में भी अधिवक्ता सड़कों पर उतर आए। इस दौरान अधिवक्ताओं ने केंद्र सरकार के समक्ष कई मांगें रखीं। बीसीआई ने वकीलों को पेंशन, मुआवजा, आवास के लिए आर्थिक मदद समेत बजट में हर साल 50 हजार करोड़ रुपये वकीलों की सुविधाओं के लिए आवंटित करने की मांग की गई है।
मंगलवार को ड्रेस पहने अधिवक्ता कार्य से विरक्त होकर पटना की सड़कों पर विरोध करने को जुट गए। पटना ही नहीं सूबे के कई जिलों में अधिवक्ता बीसीआई के आह्वान का समर्थन करते हुए प्रदर्शन और पैदल मार्च करते रहे। पटना हाईकोर्ट के बाहर बड़ी संख्या में वकील अपनी मांगों को समर्थन में नारे लगाते रहे। इसी तरह पटना सिविल कोर्ट के वकील भी राजभवन की ओर मार्च किया। अधिवक्ताओं का 10 सूत्री मांगों को लेकर मार्च हजारों की संख्या में अधिवक्ता जुलूस में शामिल रहे। सैकड़ों की संख्या में उतरे अधिवक्ताओं ने साफ कर दिया है कि बीसीआई की मांगों पर केंद्र सरकार को जल्द ही फैसला लेना होगा।
क्या है वकीलों की मांगें
देश भर के न्यायालयों में वकीलों को वैठकर पेशागत कार्य करने के लिए लिए जगह दी जाए युवा वकीलों को कम से कम 5 साल तक 10,000 प्रतिमाह दिया जाए वकीलों के कल्याण को 500 करोड़ की राशि बजट में दी जाए इसके अलावा 2014 से लंबित मांगों की पूर्ति की जाए।