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कूड़ा उठाव के लिए 30 रुपये, फेंकने पर 300 रुपये जुर्माना

नगर निगम क्षेत्र में डोर-टू-डोर कूड़ा उठाव के लिए राजधानीवासियों को अब जनवरी से शुलक देना होगा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Dec 2018 09:36 PM (IST)Updated: Fri, 07 Dec 2018 09:36 PM (IST)
कूड़ा उठाव के लिए 30 रुपये, फेंकने पर 300 रुपये जुर्माना
कूड़ा उठाव के लिए 30 रुपये, फेंकने पर 300 रुपये जुर्माना

पटना । नगर निगम क्षेत्र में डोर-टू-डोर कूड़ा उठाव के लिए राजधानीवासियों को अब जनवरी से शुल्क देना होगा। घरों से कूड़ा उठाने के लिए तीस रुपये प्रति महीने, वहीं व्यावसायिक क्षेत्र से उठाव के लिए अलग-अलग दरें रखी गई हैं। यह निर्णय शुक्रवार को मेयर सीता साहू की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लिया गया। वहीं आवासीय क्षेत्र में कचरा फैलाने वाले पर तीन सौ रुपये जुर्माना होगा। इधर-उधर मूत्र त्यागने पर 100 रुपये और सार्वजनिक जगहों पर शौच करने पर 300 रुपये जुर्माना होगा।

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बैठक में यह स्पष्ट किया गया है कि ठोस कचरा प्रबंधन के तहत डोर-टू-डोर कूड़ा उठाव के लिए यूजर फीस नगर निगम को तय करनी है। इसके तहत बीपीएल परिवार, स्लम के लोगों, स्ट्रीट वेंडर से कोई शुल्क नहीं लिया जाना है। जुर्माने पर भी निगम की सशक्त स्थायी समिति ने हरी झंडी दे दी है। बैठक में नगर आयुक्त अनुपम कुमार सुमन, सशक्त स्थायी समिति सदस्य पिंकी कुमारी, विक्की कुमार मेहता, इंद्रदीप कुमार चंद्रवंशी आदि मौजूद थे।

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: पार्षद भत्ता का एजेंडा नहीं रहने पर उप मेयर ने किया बहिष्कार :

नगर निगम की 29वीं साधारण बैठक का उप मेयर विनय कुमार ने बहिष्कार किया। उन्होंने कहा कि पिछली बोर्ड बैठक में पार्षद भत्ता बढ़ाने एवं वार्ड पार्षद फंड को लेकर एजेंडा लाने का आग्रह किया था। लेकिन इसें नहीं लाया गया। उन्होंने कहा कि मेयर के कार्यकाल में लगातार अधिनियम के विरुद्ध निगम बोर्ड व सशक्त स्थायी समिति की बैठक हो रही है। बिना संलेख के बैठक की जाती है। इससे वस्तुस्थिति की वास्तविक जानकारी पार्षदों को नहीं मिल जाती है। कई मामले में संलेख नहीं दिया जाता है। जबकि, कुछ संलेख अंतिम समय में दिए जाते हैं, इस कारण पार्षद नहीं पढ़ जाते हैं। इन सभी मुद्दों को लेकर बैठक का बहिष्कार किया गया है।

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: कचरा उठाव के लिए यूजर फीस :

आवासीय : 30

स्लम, बीपीएल : शून्य

स्ट्रीट वेंडर : शून्य

मिठाई दुकान : 100

ढाबा- कॉफी हाउस : 100

रेस्टोरेंट, गेस्ट हाउस : 500

धर्मशाला, हॉस्टल : 500

स्टार होटल : 5000

व्यावसायिक कार्यालय : 500

सरकारी कार्यालय : 500

बैंक, इंश्योरेंस : 500

कोचिंग, शैक्षणिक संस्था : 500

क्लीनिक, डिस्पेंसरी, लैब : 250

अस्पताल 50 बेड : 1500

अस्पताल 50 बेड से अधिक : 3000

लघु व मध्यम उद्योग : 500

गोदाम, कोल्ड स्टोरेज : 2500

विवाह भवन, हॉल, मेला : 2500

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: जुर्माना दर (रुपये में) :

आवासीय क्षेत्र के लोगों द्वारा कचरा फैलाने पर : 300

दुकानदारों द्वारा कचरा फैलाने पर : 450

रेस्टोरेंट द्वारा कचरा फैलाने पर : 700

होटल द्वारा कचरा फैलाने पर : 1000

औद्योगिक इकाई के कचरे पर : 2000

मिठाई दुकानदार, स्ट्रीट वेंडर : 200

खटाल संचालकों द्वारा : 500

घर निर्माण के मलबे पर : 1500

मांस-मछली दुकानदारों पर : 1000

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: कचरा वसूलने पर बनवाएंगे उपस्थिति :

निगम डोर-टू-डोर कूड़ा उठाव व्यवस्था के शत-फीसद अनुपालन के लिए सुपरवाइजरों को हर घरों के मालिकों से हस्ताक्षर कराने की व्यवस्था करनी होगी। इससे सुपरवाइजर कचरा उठाव के लिए फर्जी रिपोर्ट निगम मुख्यालय को नहीं भेज सकेंगे। नगर आयुक्त ने कहा कि हर घर से कचरा उठाव सुनिश्चित हो इसके लिए घर-घर से अटेंडेंस भी बनवाने की व्यवस्था हो रही है।

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: एक वर्ष की फीस देने पर छूट, ऑनलाइन व पेटीएम से भी भुगतान :

डोर-टू-डोर कूड़ा उठाव के लिए एक साल का शुल्क

देने वाले लोगों को छूट दी जाएगी। जबकि किसी को राशि जमा करने में परेशानी नहीं हो इसके लिए ऑनलाइन व पेटीएम से भी भुगतान की सुविधा दी जाएगी। इसके लिए एक जनवरी से निगम के घूमने वाले वाहन में सभी तरह की व्यवस्था होगी। सेक्टर सुपरवाइजर की निगरानी में यह वसूली होगी।

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: बेहतर प्रदर्शन पर मिलेगा पुरस्कार :

डोर-टू-डोर कूड़ा उठाव को लेकर बेहतर प्रदर्शन करने वाले सफाई मजदूरों से लेकर नगर प्रबंधकों को निगम पुरस्कृत करेगा। इसके लिए सेक्टर स्तर पर सफाई मजदूर को एक हजार रुपये, वार्ड स्तर पर पर्यवेक्षक को दो हजार रुपये, अंचल स्तर पर सफाई निरीक्षक को तीन हजार रुपये, मुख्यालय स्तर पर मुख्य सफाई निरीक्षक को पांच हजार एवं नगर प्रबंधक को सात हजार रुपये प्रोत्साहन राशि हर महीने दी जानी है।

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वार्डो में कूड़े के लिए घूम रहे तीन-तीन वाहन :

कूड़ा उठाव के लिए निगम की ओर से नूतन राजधानी अंचल व पाटलिपुत्र अंचल में तीन-तीन ऑटो टिपर घूम रहे हैं। निगम प्रशासन को हर वार्ड में पांच-पांच टिपर की व्यवस्था करनी है। जबकि छोटी गलियों के लिए ठेला के माध्यम से कूड़ा उठाव होगा। इसके बाद शत-फीसद कूड़ा उठाव हो सकेगा।


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