जदयू नेता प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी की मांग को ले धरने पर बैठे बीजेपी नेता
पीयू छात्र संघ चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद कुलपति से जदयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर की मुलाकात के विरोध में बीजेपी नेता मंगलवार को धरने पर बैठ गए हैं।
पटना, जेएनएन। पटना विश्वविद्यालय चुनाव से ठीक पहले जदयू के उपाध्यक्ष और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर के पीयू कुलपति से मिलने के मामले में सियासी पारा चढ़ गया है। मंगलवार को इस मामले में बीजेपी विधायक और सैकड़ों कार्यकर्ता पीरबहोर थाने के बाहर धरने पर बैठ गए। सुबह अपने लाव-लश्कर के साथ पहुंचे बांकीपुर विधायक नीतिन नवीन, दीघा विधायक संजीव चौरसिया और कुम्हरार विधायक अरुण सिन्हा प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। इस बीच बवाल को देखते हुए गिरफ्तार छात्र राज कर्ण को रिहा कर दिया गया है।
कुलपति ने की अपील, छात्र अफवाहों से बचें
नेताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस जानबूझकर एबीवीपी (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) से जुड़़े छात्रों को टारगेट कर रही है। छात्र संघ चुनाव में प्रशांत किशोर का कुलपति से मिलने का क्या मतलब था। छात्रों के चुनाव को उन्हीं के स्तर तक रखा जाए। इधर बवाल को देखते हुए पीयू कुलपति ने भी सफाई दी है। मंगलवार को एक पत्र जारी करते हुए प्रो. रास बिहारी सिंह ने कहा कि मेरा लक्ष्य निष्पक्ष चुनाव कराने का है। प्रो. बिहारी ने मतदाताओं से अपील की कि अधिक से अधिक संख्या में पहुुंचकर मतदान करें और अफवाहों से बचें।
पटना विवि कुलपति आवास पर गए थे प्रशांत किशोर
कल होने वाले पीयू छात्र संघ चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू है। सोमवार की शाम प्रशांत किशोर पटना विश्वविद्यालय के कुलपति से मिलने उनके आवास पर गए। इसकी जानकारी मिलने पर छात्रों ने कुलपति आवास को घेर लिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशांत किशोर पटना विवि के छात्रसंघ चुनाव में छात्र जदयू के पक्ष में बात करने कुलपति के पास गए थे। प्रशांत किशोर के वहां होने की जानकारी होते ही विभिन्न छात्र संगठनों ने कुलपति आवास को घेर लिया।
गाड़ी पर किया गया था पथराव
छात्रों के हंगामे को देखते हुए रात में कड़ी सुरक्षा के बीच जब प्रशांत किशोर कुलपति आवास से निकल रहे थे तभी छात्र संगठनों ने उनपर पथराव कर दिया। पत्थर लगने से उनकी गाड़ी का शीशा भी टूट गया था। बताया जाता है कि प्रशांत किशोर के खिलाफ घेराव व पथराव में भाजयुमो कार्यकर्ता शामिल रहे। इसके बाद पुलिस ने प्रशांत किशोर को घेरे में लेकर सुरक्षित बाहर निकाला। वे तो बचे गए, लेकिन हमले में उनकी गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई। पुलिस ने लाठीचार्ज कर हालात पर काबू पाया।