कस्तूरबा गांधी बालिका उच्च विद्यालयों की बदलेगी सूरत
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी हर माह कम से कम दो बार कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय का निरीक्षण करेंगे।
पटना । प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी हर माह कम से कम दो बार कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय का निरीक्षण करेंगे। नियमित निगरानी के लिए प्रतिदिन अनुश्रवण करेंगे। प्रत्येक माह प्रत्येक छात्रा की मेडिकल जांच होगी। छात्राओं के स्वस्थ रहने की व्यक्तिगत जिम्मेदारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की रहेगी। लापरवाही पर सख्त कार्रवाई होगी। जिलाधिकारी कुमार रवि ने यह निर्देश दिया। समीक्षा में डीएम ने पाया कि कस्तूरबा गांधी बालिका उच्च विद्यालय की व्यवस्था नाजुक है।
जिलाधिकारी ने छात्रवृत्ति की राशि एक सप्ताह में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। छात्राओं को नई किताब, उनका बेड, कंबल तथा अच्छा भोजन मिलना चाहिए। गैस एवं बिजली कनेक्शन रहना चाहिए। पटना जिले में 22 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय अपने भवन में चल रहे हैं। जिलाधिकारी ने पाया कि खुशरुपुर और फतुहा में 100-100 बालिकाओं का नामांकन हुआ है, लेकिन क्रमश: 38 और 54 बालिकाएं यहां उपस्थित हैं। जिलाधिकारी ने इसे गंभीरता से लेते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी से पूछा की बताएं कि छात्राओं की उपस्थिति इतनी कम क्यों है।
जिलाधिकारी ने पाया कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की 74.05 फीसदी छात्राओं का ही बैंक खाता खुल पाया है। जबकि शत प्रतिशत बालिकाओं का खाता खुलना है। जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया कि शत प्रतिशत खाता शीघ्र खोलवाएं। जिलाधिकारी ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों से कक्षा स्तर पर छात्राओं के नामांकन, उपस्थिति, बैंक खाता की स्थिति की जानकारी मांगी है। स्पष्ट चेतावनी दी कि भोजन बंद कमरे में बनना चाहिए। पीने का स्वच्छ पानी मिलना चाहिए। निरीक्षण कर रिपोर्ट दें कि किस विद्यालय में क्या कमी है। शौचालय, चापाकल सहित सभी व्यवस्थाएं रहनी चाहिए।