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प्रदूषित हवा के मामले में पटना का देश में दूसरा स्थान

बिहार की राजधानी पटना की हवा हर दिन प्रदूषित हो रही है। गुबार भरी हवा की स्थिति देश में दूसरे स्थान पर आ गई है। ये सामान्य से छह गुना अधिक है। एेसे में लोगों के बीमार होने का डर बढ़ गया है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Tue, 27 Nov 2018 05:12 PM (IST)Updated: Tue, 27 Nov 2018 05:12 PM (IST)
प्रदूषित हवा के मामले में पटना का देश में दूसरा स्थान
प्रदूषित हवा के मामले में पटना का देश में दूसरा स्थान

पटना, जेएनएन। पटना की हवा में गुबार ही गुबार है। स्थिति कहीं एेसी न हो जाए कि बाहर निकलना दूभर हो जाए। राजधानी की दशा गाजियाबाद से भी ज्यादा खराब हो गई है। पटना की हवा में फिर से प्रदूषण की मात्रा में बढ़ोतरी पाई गई है। सोमवार को देश में गाजियाबाद के बाद सबसे प्रदूषित हवा पटना में रिकॉर्ड की गई। दिल्ली, गुडग़ांव, कानपुर, लखनऊ और धनबाद से कहीं ज्यादा खराब वायु गुणवत्ता पटना की थी।

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भले ही राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 24 नवंबर को जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर प्रदूषण नियंत्रण के लिए ठोस कार्रवाई का निर्देश जारी किया था, दो दिनों के बाद भी नगर निगम, परिवहन विभाग और निर्माण कंपनियों ने कोई पहल नहीं की।

सामान्य से गरीब छह गुना अधिक है पीएम

 राजधानी में सोमवार को वायु गुणवत्ता का सूचकांक पीएम 2.5 (पार्कुलेट मैटर) सामान्य से करीब छह गुना से अधिक पाया गया। पटना में यह स्तर 400 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रिकॉर्ड किया गया। इससे अधिक देश में सिर्फ गाजियाबाद में पीएम 2.5 का स्तर 406 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया। देश के अन्य औद्योगिक और कोयला खदान क्षेत्रों की तुलना में वायु गुणवत्ता कम रही। धनबाद में सोमवार को पीएम2.5 का स्तर 346 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रहा। औद्योगिक शहर कानपुर में 333 माइक्रोग्राम, लखनऊ में 373 माइक्रोग्राम, दिल्ली में 336, फरीदाबाद में 309, गुडग़ांव में 256 और नोएडा में 309 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रिकॉर्ड किया गया।

प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में नहीं की किसी ने पहल

 बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार घोष ने 24 नवंबर को सर्वाधिक वायु प्रदूषण वाले पटना, मुजफ्फरपुर और गया के साथ अन्य जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर वायु गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से ठोस कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। बोर्ड द्वारा जारी निर्देश के बावजूद राजधानी में प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में किसी विभाग ने पहल नहीं किया।

बोर्ड ने क्या दिया था निर्देश

1. सड़कों और निर्माण स्थलों पर नियमित पानी का छिड़काव कराएं।

2. खुले में बालू परिवहन और कचरा जलाने पर करें ठोस कार्रवाई।

3. नगर निगम क्षेत्र में पुराने और बिना फिटनेस सर्टिफिकेट वाले वाहनों का प्रवेश रोकें।

4. नगर निगम ठोस कचरा, टायर और प्लास्टिक कचरा जलाने पर करे कार्रवाई।

5. कृषि विभाग फसल व बागवानी जनित अपशिष्ट को खुले में जलाने पर रोके।

6. नगर निगम सड़कों पर पानी का छिड़काव का प्रबंध करे।

7. पुराने जेनरेटर प्रतिबंधित किए जा चुके हैं। इनकाउपयोग करने पर जब्त करें।

8. वाहनों के प्रदूषण सर्टिफिकेट की जांच कराएं

पटना में पीएम 2.5 का स्तर : (माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर में )

तारीख      -  पीएम 2.5 का स्तर

22 नवंबर  - 410

23 नवंबर  - 355

24 नवंबर  - 360

25 नवंबर  - 383

26 नवंबर  - 400


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