बिहार के शिक्षामंत्री ने कहा- बढ़ सकती है शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की उम्र
बिहार के शिक्षामंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की उम्र को लेकर बड़ी बात कही है। उन्होंने सेवानिवृत्ति उम्र 60 साल से बढ़ाकर 62 साल तक करने का आश्वासन दिया है।
By Kajal KumariEdited By: Published: Mon, 26 Nov 2018 09:39 AM (IST)Updated: Mon, 26 Nov 2018 03:43 PM (IST)
गया [जेएनएन]। प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की उम्र 62 वर्ष करने पर राज्य सरकार विचार कर सकती है। रविवार को शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने इसकी संभावना जताई। अभी सेवानिवृत्ति की उम्र 60 वर्ष है। अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने उम्र सीमा में बढ़ोतरी की मांग की है।
कृष्णनंदन वर्मा गया के गांधी मैदान में संघ के दो दिवसीय सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। कहा कि राज्य सरकार शिक्षकों का सम्मान करती है। बिहार में प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाए जाने की मांग पर विचार किया जा सकता है।
बकौल कृष्णनंदन, शिक्षकों को कभी कर्मचारी की श्रेणी में नहीं रखा गया। वे राष्ट्र निर्माता हैं। राज्य सरकार उनके सुख-सुविधा का ख्याल करेगी।
अदालत के आदेश का होगा सम्मान
बकौल कृष्णनंदन, बिहार में सर्वाधिक नियोजित शिक्षक (चार लाख के करीब) हैं। शिक्षकों को संविदा पर नियोजित करने की हमारी मंशा नहीं थी, लेकिन सीमित संसाधनों ने मजबूर किया।
राज्य सरकार नियोजित शिक्षकों के साथ विचार-विमर्श के लिए सदैव तैयार है। राजनीतिक बहकावे में नियोजित शिक्षकों का मसला अदालत में ले जाया गया। राज्य सरकार अदालत के आदेश का सम्मान करेगी।
कृष्णनंदन वर्मा गया के गांधी मैदान में संघ के दो दिवसीय सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। कहा कि राज्य सरकार शिक्षकों का सम्मान करती है। बिहार में प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाए जाने की मांग पर विचार किया जा सकता है।
बकौल कृष्णनंदन, शिक्षकों को कभी कर्मचारी की श्रेणी में नहीं रखा गया। वे राष्ट्र निर्माता हैं। राज्य सरकार उनके सुख-सुविधा का ख्याल करेगी।
अदालत के आदेश का होगा सम्मान
बकौल कृष्णनंदन, बिहार में सर्वाधिक नियोजित शिक्षक (चार लाख के करीब) हैं। शिक्षकों को संविदा पर नियोजित करने की हमारी मंशा नहीं थी, लेकिन सीमित संसाधनों ने मजबूर किया।
राज्य सरकार नियोजित शिक्षकों के साथ विचार-विमर्श के लिए सदैव तैयार है। राजनीतिक बहकावे में नियोजित शिक्षकों का मसला अदालत में ले जाया गया। राज्य सरकार अदालत के आदेश का सम्मान करेगी।
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