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10वीं थ्योरी व प्रैक्टिकल में अलग-अलग पास की अनिवार्यता खत्म

पटना। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) ने दसवीं की परीक्षा प्रणाली में एक बड़ा बदलाव किया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 12 Oct 2018 08:00 AM (IST)Updated: Fri, 12 Oct 2018 08:00 AM (IST)
10वीं थ्योरी व प्रैक्टिकल में अलग-अलग पास की अनिवार्यता खत्म
10वीं थ्योरी व प्रैक्टिकल में अलग-अलग पास की अनिवार्यता खत्म

पटना। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) ने दसवीं की परीक्षा प्रणाली में एक बड़ा बदलाव करते हुए वर्ष 2019 की परीक्षा में शामिल होने वाले बच्चों के लिए बड़ी राहत दी है। अब उन्हें सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक परीक्षा में अलग-अलग पास नहीं करना होगा। बल्कि सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक परीक्षा का रिजल्ट एक साथ निकाला जाएगा। उसमें 100 में से 33 अंक लाना अनिवार्य होगा।

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सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक डॉ. संयम भारद्वाज के जारी सूचना के अनुसार अब दसवीं के छात्रों का रिजल्ट संयुक्त रूप से निकाला जाएगा। इससे बच्चों को काफी लाभ होगा। पिछले वर्ष यह पद्धति लागू की गई थी लेकिन बीच में बोर्ड ने सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक परीक्षा में अगल-अलग पास करना अनिवार्य कर दिया था। इससे छात्रों की परेशानी काफी बढ़ गई थी। मालूम हो कि 80 अंकों की सैद्धांतिक परीक्षा बोर्ड द्वारा ली जाती है और 20 अंकों की प्रायोगिक परीक्षा स्कूल प्रबंधन द्वारा ली जाती है। अगर दोनों में पास करना अनिवार्य कर दिया जाता तो कई छात्रों का रिजल्ट गड़बड़ा सकता था।

सीबीएसई के सिटी को-ऑर्डिनेटर डॉ. राजीव रंजन सिन्हा का कहना है कि बोर्ड की नई पहल से छात्रों को काफी लाभ होगा। सीबीएसई ने 2018 में मैट्रिक में ग्रेडिंग खत्म कर अंक प्रणाली शुरू किया था। उससे छात्रों का पढ़ाई के प्रति रूझान बढ़ा है। बोर्ड की नई प्रणाली से हर छात्र को लाभ मिलेगा और वे गंभीरता से अपनी पढ़ाई पूरा कर पाएंगे। इससे छात्रों को काफी लाभ मिलेगा।

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फेल होने के खतरे से चिंतित थे छात्र

सीबीएसई द्वारा पूर्व में जारी अधिसूचना से दसवीं के छात्र काफी परेशान थे। उन्हें भय था कि अगर सैद्धांतिक परीक्षा में फेल कर गए तो, उनका रिजल्ट ही खराब हो सकता है। मालूम हो कि काफी संख्या में छात्र प्रायोगिक परीक्षा में पास कर जाते हैं लेकिन बोर्ड द्वारा आयोजित सैद्धांतिक परीक्षा में फेल कर जाते हैं। ऐसे में परीक्षार्थियों का एक साल बर्बाद हो जाता है। खासकर कमजोर छात्रों को बोर्ड की नई परीक्षा प्रणाली से काफी लाभ मिलेगा। दसवीं की परीक्षा पास करने में प्रायोगिक परीक्षा के अंक उनके लिए बेहद सहायक साबित होंगे। अगर बोर्ड द्वारा आयोजित सैद्धांतिक परीक्षा में कम अंक भी मिलते हैं तो प्रायोगिक परीक्षा के अंक पास करने में सहायक हो सकते हैं।


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