बिहार में 32 में से 18 बैंक कर्ज देने में फिसड्डी, उपमुख्यमंत्री बोलेे -20 लाख रोजगार सृजन का है लक्ष्य, अधिक से अधिक कर्ज दें बैंक
प्रदेश के 30 जिले ऐसे जहां औसत से भी कम दिया जा रहा कर्ज । 34 फीसद ही कर्ज बांटने का लक्ष्य हो पाया हासिल । राज्य के बैंकों का 43.11 फीसद सीडी रेशियो है। 11.38 फीसद यानी 17285 करोड़ है बैंकों का एनपीए है।
पटना, राज्य ब्यूरो । बिहार में बैंकों के कर्ज देने की रफ्तार (एनुअल क्रेडिट प्लान) 35.17 फीसद से घटकर 33.39 फीसद हो गई है। राज्य के बैंकों का जमा-ऋण अनुपात (सीडी रेशियो) भी महज 43.11 फीसद है, जो बेहतर नहीं कहा जा सकता। राज्य के कुल 32 में 18 बैंक कर्ज देने के मामले में औसत से भी पीछे हैं। इनका सीडी रेशियो राज्य के औसत सीडी रेशियो से भी कम है। वहीं 38 में 30 जिले ऐसे हैं, जो कर्ज देने के मामले में औसत से भी पीछे चल रहे हैं।
सोमवार को राज्यस्तरीय बैंकर्स कमेटी (एसएलबीसी) की बैठक में ये आंकड़े सामने आए जिसके बाद उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने इसे निराशाजनक बताते हुए बैंकों को अधिक से अधिक कर्ज देने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण आर्थिक मोर्चे पर परेशानी आई मगर आगे के तीन महीने में इसे दुरुस्त करें।
अलग से बैठक के निर्देश
उपमुख्यमंत्री ने वित्त विभाग के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ को निर्देश दिया कि कर्ज देने में पिछडऩे वाले 18 बैंकों और 30 जिलों की अलग से बैठक करें। एसएलबीसी की बैठक का वार्षिक कैलेंडर जारी करें। प्रखंड स्तर तक बैठक की तारीख तय हो। इसके साथ ही मंत्री ने एसएलबीसी की अगली बैठक से सभी जिलों के डीएम को भी जोडऩे का निर्देश दिया। एससी-एसटी और अल्पसंख्यकों को कर्ज देने में आ रही परेशानी को लेकर अलग से बैठक करने को कहा गया।
17,285 करोड़ रुपये है एनपीए
बैठक में बताया गया कि राज्य के बैंकों में कुल 3.88 लाख करोड़ रुपये जमा है, जबकि ऋण बकाया राशि 1.59 लाख करोड़ है। वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए कर्ज देने का लक्ष्य (एनुअल क्रेडिट प्लान) 1.54 लाख करोड़ रुपये है। सितंबर, 2020 तक इसके अंतर्गत बैंकों ने 51,585 करोड़ रुपये का ऋण वितरण किया है, जबकि इसी अवधि में पिछले वर्ष 50,992 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया था। बैंकों के कुल ऋण का 11.38 फीसद यानी 17,285 करोड़ एनपीए है।
उपमुख्यमंत्री ने दिए टास्क
- बैंकर्स कमेटी की बैठक में सभी डीएम हों शामिल
- एसएलबीसी की बैठक का जारी हो वार्षिक कैलेंडर
- कर्ज देने के साथ पहले दिन से मॉनीटङ्क्षरग करें बैंक
- पंचायत स्तर पर मोबाइल बैंकिंग उपलब्ध कराएं बैंक
- एससी-एसटी आवेदकों के मुद्दे पर अलग से बैठक
- किसान क्रेडिट कार्ड की भी हो ऑनलाइन ट्रैकिंग
- स्ट्रीट वेंडर्स को लक्ष्य के अनुरूप मिले कर्ज
- स्टैंडर्ड इंडिया का टारगेट हर हाल में हो पूरा
3.88 लाख करोड़ रुपये है राज्य के बैंकों में कुल जमा राशि
1.59 लाख करोड़ रुपये है राज्य के बैंकों की ऋण बकाया राशि
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1,54,500 करोड़ रुपये का कर्ज बांटने का लक्ष्य है वर्ष 2020-21 के लिए
51,585 करोड़ रुपये का कर्ज दिया है बैंकों ने सितंबर 2020 तक
50,992 करोड़ रुपये बांटे गए थे इसी अवधि में पिछले वर्ष तक