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न्यायपालिका को जातिवादी साबित करना चाहते हैं लालू: सुशील मोदी

सुशील मोदी ने कहा कि लालू यादव ने खुद पेशी के समय विशेष न्यायाधीश से कम सजा देने की अपील की और रिहा होने पर दही-चूड़ा की दावत देने की पेशकश कर अदालत का मजाक उड़ाया।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Fri, 12 Jan 2018 08:55 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jan 2018 11:14 PM (IST)
न्यायपालिका को जातिवादी साबित करना चाहते हैं लालू: सुशील मोदी
न्यायपालिका को जातिवादी साबित करना चाहते हैं लालू: सुशील मोदी

पटना [राज्य ब्यूरो]। उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने शुक्रवार को ट्वीट कर राजद और लालू प्रसाद पर करारा हमला बोला है। लिखा है कि भ्रष्टाचार के दो मामलों में सजायाफ्ता लालू प्रसाद के लिए फोन पर पैरवी की गई। उन्होंने खुद पेशी के समय विशेष न्यायाधीश से कम सजा देने की अपील की और रिहा होने पर दही-चूड़ा की दावत देने की पेशकश कर अदालत का मजाक उड़ाया। राजद न्यायपालिका को हास्यास्पद या जातिवादी साबित करना चाहता है।

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उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा है कि लालू परिवार ने होटल के बदले जमीन लिखाने से लेकर मॉल की मिट्टी बेचने तक 1000 करोड़ रुपये की बेनामी सम्पत्ति बनाई और जब इस मामले में जांच एजेंसियों की कार्रवाई के बाद नीतीश कुमार ने अपना रास्ता अलग कर लिया, तब शरद यादव ने घोटालों पर चुप्पी साध कर आरोपियों का साथ दिया। वे अब मामूली बातों पर धरना देकर खुद को क्रांतिकारी साबित करना चाहते हैं।

एक अन्य ट्वीट में मोदी ने कहा कि एनडीए सरकार ने बेनामी सम्पत्ति के खिलाफ 1 नवंबर 2016 से कुर्की-जब्ती का कड़ा कानून लागू किया। इससे मात्र एक साल में 3500 करोड़ रुपये की अवैध सम्पत्ति जब्त की गई। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 900 से अधिक सम्पत्ति के खिलाफ ठोस कार्रवाई कर भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टालरेंस का संदेश दिया। जिनकी बेनामी सम्पत्ति जब्त हुई, वे एनडीए का विरोध करने के बहाने ढूंढ़ते हैं।


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