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बिहार में CM नीतीश व लालू से मिले कन्हैया, महापुरुषों को दी श्रद्धांजलि

जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने शनिवार को पटना पहुंचे। उन्होंने पटना में घूम-घूमकर महापुरुषों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया। दोपहर बाद उन्होंने संवाददाताओ से बातचीत की। शाम में वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद सहित बिहार के कई नेताओं से मिले।

By Kajal KumariEdited By: Updated: Sat, 30 Apr 2016 10:35 PM (IST)
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पटना। जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने शनिवार को पटना पहुंचे। उन्होंने पटना में घूम-घूमकर महापुरुषों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया। दोपहर बाद उन्होंने संवाददाताओ से बातचीत की। शाम में वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी से मिले।

सुबह पहुंचे पटना, हुआ भव्य स्वागत

सुबह 7.55 बजे पटना एयरपोर्ट पहुंचे कन्हैया कुमार का स्वागत जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने किया। उन्होंने माला पहनाकर उनका अभिवादन किया। कन्हैया का स्वागत करने के लिए युवाओं की खासी भीड़ पटना एयरपोर्ट के बाहर खड़ी थी।

प्रतिमाओं पर किया माल्यार्पण

पटना आने के बाद कन्हैया ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उसके बाद वे महात्मा गांधी, जयप्रकाश नारायण, सुभाष चंद्र बोस आदि विभूतियों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण करने गए। उन्होंने बिहार विधानसभा परिसर में स्थित वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा पर भी माल्यार्पण किया।

जूता उतारना भूले सीपीआइ सेवादल कार्यकर्ता

शहीद स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के दौरान सीपीआइ सेवादल के कार्यकर्ता जूता पहने नजर आए। बाद में उन्होंने कहा कि वे जूता उतारना भूल गए थे। विरोधियों ने इसकी शहीदों का अपमान बताकर आलोचना की।

दोपहर में संवाददाता सम्मेलन

कन्हैया कुमार ने दोपहर में जनशक्ति भवन में चंद्रशेखर सिंह की स्मृति में पुष्पांजलि अर्पित की तथा इसके बाद संवाददाताओं को संबोधित किया।

संवाददाता सम्मेलन में कन्हैया ने कहा कि देश में लोकतंत्र है। इसपर कोई अपनी विचारधारा नहीं थोप सकता। आज लोकतंत्र को बचाना जरूरी है। देश में जबरन एक विचारधारा को थोपने की कोशिश की जा रही है। कहा, "मेैं लोकतांत्रिक हक की लड़ाई के लिए आंदोलन कर रहा हूं और इसीलिए यहां आया हूं।"

कन्हैया ने कहा कि देश अभी गंभीर संकट के जिस दौर से गुजर रहा है, उसमें कथनी की बात हो रही, करनी की बात नहीं। कथनी और करनी में अंतर है। हम एेसी विचारधारा के खिलाफ उठ खड़े हुए हैं जिसमें व्यक्ति विशेष की बात कही जाती है।

उन्होंने कहा कि अब विकल्प की राजनीति की शुरूआत हो चुकी है। एेसे में तमाम दलों को एककजुट होकर इस विचारधारा की लड़ाई में एक-दूसरे का साथ देना चाहिए।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार जताते हुए कन्हैया ने कहा, “उन्होंने (नीतीश कुमार ने) मेरा समर्थन किया और मेरी बातों को समझा।”

बिहार में शराबबंदी कानून पर कन्हैया ने कहा कि पहले शराब नीति का मूल्यांकन होना चाहिए था, तब शराबबंदी करानी चाहिेए थी। उन्होंने कहा कि एक हिसाब से शराबबंदी ठीक है, लेकिन पूर्ण शराबबंदी ठीक नहीं।

कन्हैया ने कहा कि यहां की यूनिवर्सिटीज में स्टूडेंट्स युनियन का चुनाव होना चाहिए और यहां भी यूनिवर्सिटीज कैंपस में लोकतांत्रिक सिस्टम बहाल होना चाहिए।

में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी लड़ाई एेसी विचारधारा के खिलाफ है जिसमें व्यक्तिगत करिश्मा से उपर उठकर देश हित के बारे में नहीं सोचा जा रहा। उन्होंने कहा कि हम विचारधारा की लड़ाई लड़ रहे हैं। सियासी दिग्गजों से मुलाकात

देर शाम में कन्हैया कुमार बिहार के सियासी दिग्गजों के साथ शिष्टाचार मुलाकात की। उनकी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व राजद प्रमुख लालू प्रसाद से मुलाकात हुई।

नीतीश से डेढ़ घंटे हुई चर्चा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कन्हैया कुमार की करीब डेढ़ घंटे मुलाकात हुई। इस दौरान कई मुद्दों पर बात हुई। इस दौरान जदयू प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह, एआइएसएफ के राष्ट्रीय जेनरल सेक्रेटरी विश्वजीत समेत कई लोग मौजूद थे।

लालू से बंद कमरे में हुई बात

देर शाम कन्हैया राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से मिलने पहुंचे। दोनों की बंद कमरे में बात हुई। इसके बाद लालू ने बताया कन्हैया देश का सपूत है, ब्रह्मर्षि समाज में पैदा लेकर भी हमारी बोली बोल रहा है। लालू से मुलाकात के बाद कन्हैया ने कहा कि दोनों की देश के मौजूदा हालात पर बात हुई। लालू ने सामाजिक न्याय की लड़ाई को मुकाम तक पहुंचाया है।

रविवार को सेमिनार में करेंगे शिरकत रविवार को सुबह दस बजे कन्हैया राजधानी के एसके मेमोरियल हॉल में एक पब्लिक मीटिंग को संबोधित करेंगे। इस मीटिंग में आजादी के मुद्दे पर बात की जाएगी। इस मीटिंग को AISF और AIYF (ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन) ने संयुक्त रूप से आयोजित किया है। AIYF वामपंथी दल कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) का यूथ विंग है।

कन्हैया पर मेहरबान बिहार सरकार बिहार पहुंचे जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को राज्य सरकार ने विशेष सुरक्षा मुहैया कराई है। उनकी सुरक्षा के लिए दो डीएसपी सहित कई इंस्पेक्टर और सौ की संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। एयरपोर्ट से उनके काफिले के साथ वज्र वाहन और एंबुलेंस को भी शामिल किया गया।

इस सुरक्षा प्रबंध पर भाजपा ने कहा कि कन्हैया जैसे नेता को जिसपर देशद्रोह का आरोप लगा उसे वीवीआइपी सुरक्षा देना नीतीश सरकार की मानसिक संकीर्णता को दिखाता है। कन्हैया ने देश का अपमान किया है और आज भी उन लोगों ने शहीदों का अपमान किया।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सह राज्य के शिक्षामंत्री अशोक चौधरी ने कन्हैया को वीवीआइपी सुरक्षा देने के मामले पर सरकार का बचाव करते हुए कहा कि उनपर पहले भी जानलेवा हमले हो चुके हैं। उनकी सुरक्षा की जिम्मेवारी हमारी है।

कन्हैया बोले, बिहार मेरा घर, अपने घर आया हूं

पटना पहुंचने के बाद उन्होंने कहा कि हमारी जड़ें बिहार से जुड़ी हैं, मैं बिहार का बेटा हूं, बिहार में जन्मा हूं, बिहार को जानता हूं। कन्हैया ने कहा कि जेएनयू में हुए विवाद व आगे के घटनाक्रम के बाद वे पहली बार बिहार आए हैं। यहां आकर अच्छा लग रहा है। कहा, "मैं यहां किसी राजनीतिक बातचीत या राजनीतिक बैठक में नहीं आया हूं, बल्कि अपनी बात को लोगों के बीच पहुंचाना चाहता हूं। बिहार के लोग भी मेरी बात को समझें, जानें मैं यही चाहता हूं।"

कन्हैया ने कहा, "मुझे फंसाने के चक्कर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद ही फंस गए। कन्हैया ने बिहार के मुख्यमंत्री और राजद अध्यक्ष का आभार जताते हुए कहा कि उन्होंने मेरा समर्थन किया, मेरी बातों को समझा इसके लिए मैं उनका आभारी हूं।"

जदयू प्रवक्ता बोले, कन्हैया छात्रों के नेता

आज सुबह पटना एयरपोर्ट पर कन्हैया कुमार का स्वागत करने पहुंचे जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि कन्हैया के खिलाफ प्रधानमंत्री ने कार्रवाई की थी, लेकिन उसके खिलाफ एक साक्ष्य तक नहीं जुटा सके, क्योंकि कन्हैया निर्दोष था। उसके उपर देशद्रोह का मुकदमा कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद को ही नंगा कर लिया।

जेएनयू विवाद से चर्चा में आए कन्हैया

विदित हो कि जेएनयू में बीते नौ फरवरी को एक कार्यक्रम के दौरान देशविरोधी नारे लगाए गए थे। पुलिस ने इसके लिए कन्हैया सहित विवि के कुछ अन्य छात्रों को गिरफ्तार किया था। कन्हैया ने इस मामले में खुद को बेकसूर बताते हुए केंद्र सरकार पर अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला करने का आरोप लगाया था। वे फिलहाल उस मामले में बेल पर हैं। घटना के बाद शनिवार को वे पहली बार बिहार आए हैं।

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