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गंगा पथ के नीचे अब पांच की जगह 13 अंडरपास बनेंगे, ये होगा फायदा

पटना सिटी के बीच गंगा पथ होते हुए गंगा घाट तक पहुंचने के लिए पांच अंडरपास का निर्माण कराया जाना था। अब इस अंडरपास की संख्या को बढ़ाकर तेरह किए जाने का निर्णय लिया गया है।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Sun, 11 Mar 2018 02:03 PM (IST)Updated: Mon, 12 Mar 2018 10:37 PM (IST)
गंगा पथ के नीचे अब पांच की जगह 13 अंडरपास बनेंगे, ये होगा फायदा

पटना [राज्य ब्यूरो]। गंगा पथ के नीचे बनने वाले अंडरपास की संख्या को पथ निर्माण विभाग ने बढ़ा दिया है। पूर्व के प्रस्ताव के तहत दीघा से पटना सिटी के बीच गंगा पथ होते हुए गंगा घाट तक पहुंचने के लिए पांच अंडरपास का निर्माण कराया जाना था। अब इस अंडरपास की संख्या को बढ़ाकर तेरह किए जाने का निर्णय लिया गया है। पथ निर्माण विभाग की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी है। अब इस प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जा रहा है।

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सात मीटर चौड़ा और पांच मीटर चौड़ा होगा अंडरपास

गंगा पथ के नीचे तेरह जगहों पर गंगा तट पर पहुंचने के लिए जो अंडरपास बनाए जा रहे हैैं उसका डिजायन कुछ इस तरह से किया जा रहा है कि उसमें वाहनों का भी प्रवेश आसानी से हो सके। इस बात को केंद्र में रख अंडरपास को सात मीटर चौड़ा और पांच मीटर ऊंचा बनाया जाना है। इन अंडरपास को शहर के मुख्य रास्ते से कनेक्टिवटी मिलेगी।

नौजर घाट से कंगन घाट तक एलिवेटेड सड़क

पूर्व की योजना के तहत पटना सिटी के नौजर घाट से कंगन घाट तक गंगा पथ को बांध पर बनाया जाना था। पर नदी के कटाव की वजह से बांध पर सड़क बनाया जाना संभव नहीं हो पा रहा था। आइआइटी रुड़की की टीम से इस बारे में अध्ययन कराया गया था। टीम की रिपोर्ट के आधार पर अब इस हिस्से के 13 वें किमी से 17 वें किमी के बीच एलिवेटेड सड़क का निर्माण कराया जाएगा। इस प्रस्ताव को भी कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जा रहा है।

गांधी मैदान से मरीज सीधे पीएमसीएच पहुंच सकेंगे

गांधी मैदान से कृष्णा घाट के बीच गंगा पथ का जो हिस्सा एलिवेटेड है उसका एक लेग पीएमसीएच परिसर में राजेंद्र सर्जिकल के पीछे उतारने की योजना को भी मंजूरी दी गयी है। इससे मरीज को ले जाने वाला वाहन अशोक राजपथ के जाम में फंसे बगैर पीएमसीएच परिसर पहुंच जाएगा।

मिट्टी का काम बारिश के पहने पूरा करने का लक्ष्य

गंगा पथ के दीघा हिस्से में बांध बनाकर उस पर सड़क निर्माण का काम कराया जाना है। इस काम को बारिश के पहले पूरा किए जाने का लक्ष्य है। दस हजार क्यूबिक मीटर प्रति दिन भरा जा रहा है।


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