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ओला वृष्टि से पीड़ित किसानों पर बिहार कैबिनेट में लिया गया बड़ा फैसला, सरकार देगी मुआवजा

ओला वृष्टि से पीड़ित किसानों पर बिहार सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। पीडि़त किसानों को मुआवजा मिलेगा। फिलहाल छह जिलों का चयन हुआ है। बाकी जिले में जुड़ेंगे। 13 प्रस्‍ताव पारित।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Tue, 03 Mar 2020 07:14 PM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2020 07:54 PM (IST)
ओला वृष्टि से पीड़ित किसानों पर बिहार कैबिनेट में लिया गया बड़ा फैसला, सरकार देगी मुआवजा
ओला वृष्टि से पीड़ित किसानों पर बिहार कैबिनेट में लिया गया बड़ा फैसला, सरकार देगी मुआवजा

पटना, राज्‍य ब्‍यूरो। बिहार कैबिनेट की मंगलवार की देर शाम बैठक हुई। डेढ़ घंटे से ज्‍यादा देर चली इस बैठक की अध्‍यक्षता मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने की। बिहार कैबिनेट ने 13 प्रस्तावों पर अपनी स्वीकृति दी है। इसमेंं ओला वृष्टि पीड़ित किसानों पर बड़ा फैसला लिया गया है। वैसे किसानों को अब क्षतिपूर्ति भत्ता मिलेगा। इसके लिए सरकार ने 60 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं। 

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फिलहाल छह जिलों काे मिलेगा लाभ

ओलावृष्टि की वजह से प्रदेश के जिन किसानों की फसल को नुकसान हुआ है सरकार उन्हें मुआवजा देगी। फिलहाल प्रदेश के छह जिलों के किसान के लिए मुआवजा मंजूर किया गया है, लेकिन यदि इन जिलों के अलावा किसी अन्य जिले में भी ओलावृष्टि से किसानों की फसल नष्ट हुई होगी तो उन्हें भी यह लाभ मिलेगा। वर्तमान में पटना, गया, जहानाबाद, कैमूर, बक्सर और पूर्वी चंपारण के किसानों के लिए मुआवजा स्वीकृत किया गया है। 

फसल क्षति के आधार पर मुआवजा 

कैबिनेट सूत्रों ने बताया मंत्रिमंडल द्वारा 60 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। यह राशि आपदा प्रबंधन विभाग कृषि विभाग को देगा। सूत्रों की मानें तो क्षति पूर्ति राशि जारी करने के पूर्व किसान की फसल को हुई क्षति का आकलन किया जाएगा। पूर्व से निर्धारित नियमों के मुताबिक सिंचित क्षेत्र के किसानों को साढ़े 13 हजार और असिंचित क्षेत्र के किसानों को फसल क्षतिपूर्ति होने पर 68 सौ रुपये का मुआवजा दिया जाता है। 

मिलेगा आग से बचाव का प्रशिक्षण 

बिहार मंत्रिमंडल (बिहार कैबिनेट) ने आपदा प्रबंधन विभाग के एक प्रस्ताव पर विमर्श के बाद गर्मी के मौसम में ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाली आग से बचाव के लिए आम लोगों को प्रशिक्षित करने का प्रस्ताव स्वीकृत किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन विभाग बाकायदा कैंप लगा कर लोगों को आग से बचाव के लिए प्रशिक्षित करेगा। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में विभाग द्वारा बनाई गई शॉर्ट फिल्म का प्रदर्शन होगा जिसमें आग से बचाव के तरीकों की जानकारी मिलेगी। 

पूर्व से चल रहे संप हाउस के लिए 30 करोड़ 

कैबिनेट ने नगर विकास एवं आवास विभाग के दो अलग-अलग प्रस्तावों पर विमर्श के बाद पटना शहर में बने संप हाउस के उचित ढंग से संचालन के लिए 30 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। सूत्रों ने बताया कि संप हाउस के रखरखाव के लिए विभाग आउट सोर्सिंग भी कर सकेगा। इसके अलावा पटना शहर और फुलवारीशरीफ में होने वाले जलजमाव से से मुक्ति के लिए नई योजना को भी मंजूरी दी गई है। 

सिवान में  मेडिकल कॉलेज के लिए 25 एकड़ जमीन 

कैबिनेट ने सिवान में खुलने वाले मेडिकल कॉलेज के लिए 25 एकड़ जमीन हस्तांतरण की अनुमति दी है। यह जमीन राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग इस जमीन को स्वास्थ्य विभाग को निशुल्क हस्तांतरित करेगा। 

ब्रेडा लगाएगा सरकारी भवनों में सौर ऊर्जा प्लांट 

कैबिेनेट ने ऊर्जा विभाग के एक प्रस्ताव पर विमर्श के बाद प्रदेश की सरकारी इमारतों में सौर उर्जा प्लांट लगाने की जिम्मेदारी ब्रेडा को सौंपी है। जबकि गैर सरकारी इमारतों पर सौर उर्जा प्लांट निजी कंपनियों के सहयोग से लगाया जाएगा। 

पटना में लोहिया पथ चक्र के लिए 391 करोड़ 

मंत्रिमंडल ने पटना में बन रहे लोहिया पथ चक्र के लिए 391 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। यह राशि पिछड़ा क्षेत्र विकास निधि से खर्च होगी। केंद्र सरकार से इस मद में राशि प्राप्त होनी है। फिलहाल केंद्र से राशि मिलने की प्रत्याशा में राज्य सरकार ने अपने खजाने से यह राशि जारी करने की मंजूरी दी है। 

हर खेत को बिजली देने के लिए 1748 करोड़ 

मंत्रिमंडल ने ऊर्जा विभाग के एक प्रस्ताव पर चर्चा के बाद हर खेत को बिजली मुहैया कराने के लिए कृषि बिजली फीडर योजना में 1748 करोड़ रुपये भी मंजूर किए हैं। योजना के पूर्ण होने पर सभी खेतों को सिंचाई जैसे कार्यों के लिए निर्बाध बिजली आपूर्र्ति मिलेगी। इसके साथ ही जर्जर हो चुके बिजली के तारों को बदलने के लिए 108 करोड़ रुपये और मधेपुरा में नए पावर सब स्टेशन निर्माण का प्रस्ताव भी मंजूर किया गया है।  


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