पटनाः बांस घाट पर अंतिम संस्कार के लिए 12 घंटे का इंतजार, धुएं से आसमान हो जा रहा काला
कोरोना संक्रमितों के शवों के कारण बांस घाट शवदाह गृह में दबाव काफी बढ़ गया है। वहां रोजाना औसतन 50 से ज्यादा संक्रमितों के शव अंतिम संस्कार के लिए पहुंचाए जा रहे हैं। वहीं सामान्य शवों का भी घाट पर दाह संस्कार हो रहा है।
जागरण संवाददाता, पटना: कोरोना संक्रमितों के शवों के कारण बांस घाट शवदाह गृह में दबाव काफी बढ़ गया है। वहां रोजाना औसतन 50 से ज्यादा संक्रमितों के शव अंतिम संस्कार के लिए पहुंचाए जा रहे हैं। वहीं, सामान्य शवों का भी घाट पर दाह संस्कार हो रहा है। इसके कारण शवों को जलाने के लिए स्वजनों को 10 से 12 घंटे का इंतजार करना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि कई दिनों से इलेक्ट्रिक शवदाह मशीन परिसर के अंदर सफाई नहीं कराई गई है। इसकेकारण वहां बदबू से लोगों का बुरा हाल है।
निगम के मुताबिक मंगलवार को बांस घाट में कुल 47 शवों का अंतिम संस्कार कराया गया। इनमें 23 सामान्य शव थे। जबकि, बुधवार को दोपहर तीन बजे तक 32 कोरोना से मृत और आठ सामान्य लोगों के शव घाट पर पहुंचाए गए थे। कोरोना के कारण ज्यादा संख्या में शव आने के कारण फिलहाल इलेक्ट्रिक शवदाह मशीन का 24 घंटे संचालन किया जा रहा है। मशीन पर तीन पाली में निगम के 12 कर्मी तैनात किए गए हैं।
निगम अधिकारी ने बताया कि चूंकि 24 घंटे में दोनों मशीन पर अधिकतम 40 शवों का ही संस्कार कराया जा सकता है। इसलिए बचे हुए शवों का संस्कार लकड़ी से कराने का प्रबंध है। कोरोना से मृत लोगों का मुफ्त में अंतिम संस्कार किया जा रहा है। सिर्फ सामान्य लोगों के संस्कार के लिए खर्च करना पड़ता है। संस्कार में शामिल होने आए स्वजन दिनेश कुमार ने बताया कि घाट पर अंतिम संस्कार के लिए 10 से 12 घंटे का इंतजार कराना पड़ रहा है।