पैक्स सदस्यता अभियान को उच्च न्यायालय में चुनौती
पटना : प्राथमिक कृषि साख सहयोग समिति (पैक्स) के चुनाव में कटअप डेट के मुद्दे पर बिस्कोमान अध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार ने पटना उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। उच्च न्यायालय में दायर रिट याचिका में कहा है कि पैक्स चुनाव का कटअप डेट 31 मार्च होना चाहिए, लेकिन राज्य सरकार ने 30 जून निर्धारित कर दी है। यह गैर कानूनी है। डॉ. सिंह ने कहा कि बिहार सहकारिता अधिनियम 1959 के अनुसार जिस वर्ष सोसाइटी का चुनाव होता है, कटअप डेट वित्तीय वर्ष की समाप्ति मानी जाती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे पैक्स सदस्यता अभियान भी गैर कानूनी है। 30 जून तक सदस्य बनने वाले कभी भी मतदान में भाग नहीं ले सकते हैं। सदस्यता अभियान चलाने का तरीका गलत है। पैक्स अध्यक्ष ही सदस्य बना सकता है। एक किसान परिवार से एक व्यक्ति को पैक्स का सदस्य बनना है। वर्तमान में प्रखंड विकास पदाधिकारी के यहां एक साथ कई आवेदन दिए जा रहे हैं और लोग सदस्य बन जा रहे हैं। यह तरीका गैर कानूनी है। डॉ. सिंह ने कहा कि राज्य में एक करोड़ पैक्स के सदस्य हैं। लेकिन अब तक दस लाख सदस्यों के भी किसान क्रेडिट कार्ड नहीं बनाए गए, न उन्हें कृषि ऋण, कृषि यंत्र आदि उपलब्ध कराए गए हैं। सदस्यों की संख्या में वृद्धि का कोई औचित्य नहीं है। एक किसान परिवार से मात्र एक पैक्स का सदस्य होना चाहिए।