राज्यसभा भेजे गए तो नीतीश में आदमियत थी, अब नहीं?
पटना : दूसरे टर्म के लिए राज्यसभा का टिकट काटे जाने से नाराज शिवानंद तिवारी की बातों का जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने तगड़ा जवाब दिया है। उन्होंने शिवानंद से जानना चाहा है कि जब पहली बार उन्हें राज्यसभा भेजा गया, तो क्या उस समय नीतीश कुमार में आदमियत थी, लेकिन जबदोबारा मौका नहीं दिया गया, तो आदमियत नहीं है? वे गुरुवार को संवाददाताओं से बात कर रहे थे।
दरअसल, वशिष्ठ नारायण को लिखे पत्र में शिवानंद तिवारी ने कहा है कि नीतीश कुमार में आदमियत नहीं है। वशिष्ठ नारायण ने कहा कि शिवानंद जी आक्रोशित न हों। पत्र लिखना उनका अधिकार है, लेकिन इसकी कोई आवश्यकता नहीं थी। उन्होंने मेरी स्मरण शक्ति पर उम्र के प्रभाव की भी पत्र में चर्चा की है। मैं अपनी स्मरण शक्ति की जांच के लिए तैयार हूं, लेकिन उम्र में वे मुझसे बड़े हैं। मैं उन्हें कुछ पुरानी बात भी याद दिला दूं। वशिष्ठ नारायण ने समता पार्टी के दिनों की चर्चा की, जब पीरो से चुनाव लड़ने के मसले पर शिवानंद कई बार बदले। बकौल वशिष्ठ नारायण, चूंकि वे निर्णय बदलते रहे हैं इसलिए इस बार भी उनसे दो बार बक्सर के बारे में पूछा गया। पार्टी के निर्णय के अनुसार मैंने शिवानंद जी से लोकसभा चुनाव लड़ने के संबंध में पूछा तो इसमें क्या गलती हो गई, जो इतनी बड़ी चिट्ठी लिख दी। मेरी उम्र बढ़ रही है तो उनकी घट नहीं रही है!
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