मकनपुर में हुआ यदुराम ठाकुर की पूजा अर्चना
नवादा वारिसलीगंज प्रखंड क्षेत्र के मकनपुर गांव में नाग पंचमी के दिन बुधवार को संगतपर स्थित कुल देवता बाबा यदुराम ठाकुर की पिडी के पास विभिन्न गांव ब्राह्मणों के द्वारा भव्य तरीके से पूजा अर्चना संपन्न की गई।
नवादा : वारिसलीगंज प्रखंड क्षेत्र के मकनपुर गांव में नाग पंचमी के दिन बुधवार को संगतपर स्थित कुल देवता बाबा यदुराम ठाकुर की पिडी के पास विभिन्न गांव ब्राह्मणों के द्वारा भव्य तरीके से पूजा अर्चना संपन्न की गई। नाग पंचमी के दिन पूजा संपन्न हो जाने के बाद गुरुवार से सम्पूर्ण मकनपुर ग्राम पंचायत क्षेत्र के किसान अपने खेतों में धान रोपनी शुरू करेंगे। बता दें कि मकनपुर गांव में सैकड़ों वर्षों से धान रोपनी शुरू करने के पहले गांव वासियों के द्वारा अपने कुलदेवता यदूराम ठाकुर की पूजा अर्चना (घी पूजा) करने की परंपरा का निर्वाहन करते हुए अगले दिन से धान रोपनी शुरू करने का कार्य करते आ रहे हैं। जिसका निर्वाहन आज भी गांव वासियों के द्वारा अपार श्रद्धा के साथ किया जा रहा है। पूजा अर्चना और घी देने के लिए गांव लोग द्वारा कई दिनों से तैयारी की जाती है। जिसमें मुख्य रुप से पंचायत क्षेत्र के गोपालक को घी और दूध पहुंचाने का निमंत्रण, क्षेत्र के खानापुर और चंडीपुर गांव के ब्राह्मणों को पूजा पाठ संपन्न कराने के लिए निमंत्रण देना आदि शामिल है। नाग पंचमी के दिन मकनपुर गांव सहित संपूर्ण मकनपुर पंचायत में किसी प्रकार का खेती बाड़ी से जुड़े कार्य करने की मनाही होती है। घी पूजा के अगले दिन से इन गांव के किसान युद्ध स्तर पर खेती कार्य में जुड़ जाते हैं।
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आधा दर्जन गांव में नाग पंचमी के बाद होती है धान की रोपनी
- मकनपुर गांव में यदुराम ठाकुर के वंशज निवास करते हैं। जिनके बारे में कहा जाता है कि मकनपुर गांव को उन्होंने ही बसाया था। उनकी पूजा अर्चना नाग पंचमी के दिन भव्य तरीके से की जाती है। पूजा संपन्न होने के अगले दिन से मकनपुर व गांव के इर्द-गिर्द और वारिसलीगंज बाजार से करीब आधा दर्जन गांव गोपालपुर, लीला बीघा भुआल चक, कोल्हा बीघा, मसुदा, दरियापुर आदि गांवो के किसान नाग पंचमी के दिन पूजा अर्चना करने के बाद ही धान रोपनी शुरू करते हैं । नाग पंचमी के पहले चाहे क्षेत्र में कितना भी वारिश या नहर का पानी बह जाए लेकिन धान की रोपनी नहीं की जाती है जो परंपरा सैकड़ों वर्षों से चली आ रही है और आज भी निरंतर जारी है।
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महज कुछ पैसे लेकर श्रद्धापूर्वक गोपालक देते हैं पूजा के लिए दूध दही
-मकनपुर पंचायत क्षेत्र में बसे पशु पालकों का गांव मकनपुर समेत लीला बीघा,भुआलचक ,कोल्हा बीघा आदि के पशुपालक सैकड़ों वर्षों से बाबा के दरबार में पूजा अर्चना के समय लगने वाले घी और दूध पहुंचाने की परंपरा का निर्वाह कर रहे हैं। आज भी पूजा के दिन पशुपालक नाममात्र के पैसे लेकर अपने घरों से शुद्ध घी व दूध बाबा के दरबार में लेकर स्वयं उपस्थित होते है। लोगों द्वारा पहुंचाए गए घी पूजा-अर्चना के दौरान धूप के साथ जला दी जाती है। जबकि दूध का खीर बनाकर गांव वासियों के बीच प्रसाद के रूप में बांट दी जाती है।
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पूजा से पहले किसान तैयार करते हैं खेत
-मकनपुर ग्राम पंचायत का प्राय: सभी छोटे बड़े गांव के किसान नाग पंचमी के घी पूजा से पहले अपने खेतो को तैयार कर रखते हैं। पूजा समाप्ति की रश्म अदायगी के दूसरे दिन से ही युद्ध स्तर पर खेती किसानी का काम शुरू हो जाता है। किसान अपने सारे काम को बंद कर पहले धान की रोपनी करते हैं। हालांकि कृषि विज्ञान के अनुसार कुछ नई वेराइटी का धान को कम से कम 15 दिन पहले रोपना होता है। लेकिन परम्परा के सामने किसी की नहीं चलती है। बाबा यदुराम की पूजा अर्चना के बाद ही धान रोपने की परंपरा आज भी मकनपुर में कायम है।