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एप्रोच पथ के बिना मकनपुर नहर पर बना पुल किसी का का नहीं

एप्रोच पथ के बिना मकनपुर नहर पर बना पुल अनुपयोगी करीब 88 लाख की राशि से पुल का किया ग

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Sep 2020 08:12 PM (IST)Updated: Mon, 14 Sep 2020 08:12 PM (IST)
एप्रोच पथ के बिना मकनपुर नहर पर बना पुल किसी का का नहीं
एप्रोच पथ के बिना मकनपुर नहर पर बना पुल किसी का का नहीं

एप्रोच पथ के बिना मकनपुर नहर पर बना पुल अनुपयोगी करीब 88 लाख की राशि से पुल का किया गया निर्माण ़फोटो- 06 मकनपुर नहर पर एप्रोच पथ विहीन पुल संसू, वारिसलीगंज : करीब 88 लाख की राशि से सकरी नदी के पौरा पूर्वी केनाल में मकनपुर नहर पर किसानों की आवाजाही व श्मशान घाट पर आसानी से शव पहुंचने को ले पुल निर्माण की स्वीकृति दी गई थी। दो माह पूर्व पुल का 90 फीसदी से अधिक निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। लेकिन पुल के पश्चिमी भाग में एप्रोच पथ का निमार्ण का काम बाकी छोड़ दिया गया है। जबकि नहर में तेज पानी आने की स्थिति में मजदूर व किसानों को दो किलोमीटर घूम चंडीपुर होकर अपने धान की फसल देखने या निकाई गुड़ाई करने जाना होता है। ऐसे में निर्माणाधीन पुल किसानों को मुंह चिढ़ा रहा है। ग्रामीण सह किसान इंद्रदेव सिंह, कपिलदेव सिंह, सुबोध कुमार, अशोक कुमार, बिपिन कुमार, मुनचुन सिंह आदि किसान कहते हैं कि पुल का निर्माण कार्य डेढ़ वर्ष पहले शुरू हुआ था। लॉक डाउन के वजह से निर्माण कार्य में कुछ विलंब हुआ है। लेकिन पुल की ढलाई बाद संवेदक का कोई अता पता नहीं है। अब स्थिति यह है कि अगर गांव में किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है। और नहर में पानी बढ़ा हुआ रहता है तब या तो पानी कमाने का इंते•ार करना पड़ता है या फिर चंडीपुर के पुल से होकर नहर के पार श्मशान घाट जाना पड़ रहा है। नहर विभाग के अधिकारियों को पुल के अधूरे निर्माण से कोई लेना देना नही है। ऐसे में गांव के नागरिक व किसान जिलाधिकारी से मकनपुर नहर पर बना पुल का एप्रोच पथ का निर्माण शीघ्र करवाने की मांग किया है।

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नहर के पश्चिम भी है संपर्क पथ की आवश्यकता

-मकनपुर गांव के समीप नवनिर्मित पुल के बन जाने लोगो खासकर किसानों में काफी खुशी है। परंतु पुल का एप्रोच पथ के साथ ही कम से कम श्मशान घाट तक गई पैन का एक किनारे को चौड़ाकर संपर्क पथ भी बनवाने की आवश्यकता होगी। अन्यथा पुल के निर्माण का उद्देश्य पूरा नहीं हो पाएगा । ग्रामीण किसानों का कहना है कि अगर सकरी नदी तक सम्पर्क पथ का निर्माण करवा दिया जाय तो खेतिहर किसानों को अपनी फसलों को ट्रैक्टर आदि से धुलाई करने में सुविधा होगी। साथ ही लोगो को अपनी फसलों की रखवाली करने आना जाना काफी सुलभ हो जाएगा।


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