दुर्घटना को आमंत्रण दे रहा सफीगंज पर अनधिकृत रेल फाटक
केजी रेलखंड पर कई अनधिकृत रेल फाटक हैं। इस खतरे को जानते हुए गांव-देहात के लोग प्रतिदिन ऐसे फाटकों से गुजरते हैं। वारिसलीगंज-बाघी बरडीहा रेलवे स्टेशन के बीच सफीगंज गांव के समीप पर इस प्रकार का ²श्य आम है। पूर्व में हुई घटना से भी लोग सबक नहीं ले रहे हैं। पांच वर्ष पूर्व सफीगंज में बराती गाड़ी का पहिया रेल पटरी में फंस गया था। उसी दौरान किऊल से गया जा रही पैसेंजर ट्रेन वहां पहुंच गई और वाहन चपेट में आ गया। उस घटना में छह लोगों की घटनास्थल पर मौत हो गई थी। तब सफीगंज समेत इलाके के कई लोगों ने रेल ट्रैक को जाम करते हुए रेल फाटक बनाने और सफीगंज को हॉल्ट बनाने की मांग की थी।
केजी रेलखंड पर कई अनधिकृत रेल फाटक हैं। इस खतरे को जानते हुए गांव-देहात के लोग प्रतिदिन ऐसे फाटकों से गुजरते हैं। वारिसलीगंज-बाघी बरडीहा रेलवे स्टेशन के बीच सफीगंज गांव के समीप पर इस प्रकार का ²श्य आम है। पूर्व में हुई घटना से भी लोग सबक नहीं ले रहे हैं। पांच वर्ष पूर्व सफीगंज में बराती गाड़ी का पहिया रेल पटरी में फंस गया था। उसी दौरान किऊल से गया जा रही पैसेंजर ट्रेन वहां पहुंच गई और वाहन चपेट में आ गया। उस घटना में छह लोगों की घटनास्थल पर मौत हो गई थी। तब सफीगंज समेत इलाके के कई लोगों ने रेल ट्रैक को जाम करते हुए रेल फाटक बनाने और सफीगंज को हॉल्ट बनाने की मांग की थी। तब जिले के तत्कालीन जिलाधिकारी ललनजी ने दानापुर के डीआरएम एवं संबंधित रेल अधिकारियों से बात कर जाम पर अड़े लोगों को सफीगंज के पास फाटक लगवाने और सफीगंज को हॉल्ट बनवाने का आश्वासन दिया था। लेकिन घटना के पांच साल बाद भी इस दिशा में कोई पहल नहीं हो सका है। सफीगंज समेत मसूदा गांव की तरकीबन 10 हजार की ग्रामीण आबादी प्रखंड या जिला मुख्यालय जाने के लिए जान जोखिम में डाल रेलवे ट्रैक को पार करते हैं।
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हो चुकी है कई घटनाएं
- सफीगंज के अलावा अन्य स्थानों पर भी इस प्रकार की घटनाएं हुई हैं। वर्ष 2015 के जून माह में बोझावा गांव के समीप स्थित मानव रहित समपार फाटक पर ट्रेन की चपेट में आकर एक ट्रक क्षतिग्रस्त हो गया था। उसके पहले बाघी बरडीहा रेलवे स्टेशन से उतर दिशा में एक बालू लदा ट्रक ट्रेन की चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हुआ था। उस घटना में ट्रेन के चालक को भी चोट आई थी और रेल इंजन क्षतिग्रस्त हो गया था।
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वर्षों से की जा रही सफीगंज को हाल्ट बनाने की मांग
- केजी रेलखंड पर वारिसलीगंज रेलवे स्टेशन से करीब 4 किलोमीटर दक्षिण अवस्थित है मकनपुर पंचायत की सफीगंज गांव। जहां प्रतावित रेलवे हाल्ट का बोर्ड ग्रामीणों ने खुद लगा रखा है। कुछ दिनों तक पैसेंजर ट्रेनों का ठहराव भी हुआ। लेकिन रेल प्रशासन से हाल्ट की मंजूरी नहीं दी गई थी। सफीगंज में हुई दुर्घटना के दौरान मिले आश्वास को पूरा नहीं होने से ग्रामीण खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।