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पीयूष हत्याकांड में सरगना समेत दो अंतरराज्यीय अपराधी गिरफ्तार

जिले के चर्चित पीयूष हत्याकांड में पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। सरगना समेत दो अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Feb 2019 07:06 PM (IST)Updated: Sun, 17 Feb 2019 09:24 PM (IST)
पीयूष हत्याकांड में सरगना समेत दो अंतरराज्यीय अपराधी गिरफ्तार
पीयूष हत्याकांड में सरगना समेत दो अंतरराज्यीय अपराधी गिरफ्तार

जिले के चर्चित पीयूष हत्याकांड में पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। सरगना समेत दो अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पकड़े गए अपराधियों में हजारीबाग (झारखंड) जिला के पदमा गांव निवासी स्व. बाबूलाल मेहता का पुत्र मनोज कुमार मेहता और उसी थाना के बंदरबेला गांव निवासी प्रदीप कुमार मेहता का पुत्र यशवंत कुमार मेहता शामिल है। एसपी हरि प्रसाथ एस ने रविवार को पुलिस कार्यालय सभागार में प्रेस वार्ता कर हत्याकांड का पर्दाफाश किया। लेवी की मांग को लेकर ही वारदात को अंजाम दिया गया था। दोनों को गो¨वदपुर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है। रंगदारी मांगने के लिए उपयोग में लाए गए मोबाइल और धमकी भरा पर्चा बरामद किया गया है। कुल पांच मोबाइल बरामद किए गए हैं। तकनीकी अनुसंधान और खुफिया तंत्र की मदद से अपराधियों को पकड़ा जा सका। मनोज है गिरोह का सरगना

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- एसपी ने बताया कि मनोज शातिर अपराधी है और गिरोह का सरगना है। इसने न्यू पीएलएफआइ के नाम से एक संगठन बना रखा है और उग्रवादी संगठन की आड़ में लेवी वसूलता है। खासकर दवा विक्रेता इस गिरोह के निशाने पर रहते हैं। जेनरिक दवाओं को एमआरपी पर बेचे जाने की बात करते हुए यह गिरोह रंगदारी मांगता है। झारखंड के चतरा, कुज्जू, हजारीबाग, कोडरमा समेत अन्य थाना क्षेत्रों में रंगदारी वसूल चुका है। उक्त थाना क्षेत्रों में मनोज के खिलाफ गंभीर प्रकृति के कांड भी दर्ज हैं। जिसमें जेल भी जा चुका है। संबंधित थानों से इसके आपराधिक इतिहास की जानकारी मांगी गई है। लाइनर समेत पांच अपराधी फरार

- एसपी ने बताया कि इस पूरे घटना में स्थानीय अपराधियों की भी संलिप्तता है। थाली बाजार के आसपास के इलाके के एक अपराधी ने लाइनर की भूमिका निभाई थी। इस गिरोह के कुछ बदमाश नवादा शहर में रहकर पढ़ाई भी करते थे। फिलहाल इन दोनों के अलावा पांच अन्य लोगों की संलिप्तता सामने आई है। जिसकी पहचान कर ली गई है। पांचों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। हालांकि संभावना है कि इस कांड में संलिप्त अपराधियों की संख्या की बढ़ सकती है। जांच में ही खुलासा होगा। पीयूष के सिर में मारी थी गोली

- पीयूष के चाचा गोपाल साव से दस लाख रुपये रंगदारी की मांग की जा रही थी। 5 फरवरी की रात करीब 2 बजे अपराधियों ने उनके घर के बाहर हवाई फाय¨रग की थी। गोली की आवाज सुनकर उनका भतीजा रिदेश्वर राज उर्फ पीयूष कुमार छत के छज्जे के ग्रिल से बाहर झांकने लगा। तभी अपराधियों ने उसके सिर में गोली मार दी थी, जिससे घटनास्थल पर उसकी मौत हो गई थी। इस घटना के बाद लोगों में काफी आक्रोश था। बता दें कि पीयूष डीपीएस में सातवीं कक्षा का छात्र था। इंटर का परीक्षा केंद्र बनाए जाने के बाद स्कूल में छुट्टी दे दी गई थी। घटना के एक दिन पहले ही वह घर पहुंचा था।


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