तिलकुट की सोंधी महक से गुलजार हुआ नारदीगंज बाजार
मकर संक्राति का पर्व नजदीक आ गया है। पर्व को लेकर नारदीगंज बाजार में चहल पहल शुरू हो गई है। बाजार में सोंधी तिल की महक से लोग सराबोर हो रहे हैं। अगामी 14 जनवरी यानि सोमवार को मकर संक्राति का पर्व है।
मकर संक्राति का पर्व नजदीक आ गया है। पर्व को लेकर नारदीगंज बाजार में चहल पहल शुरू हो गई है। बाजार में सोंधी तिल की महक से लोग सराबोर हो रहे हैं। अगामी 14 जनवरी यानि सोमवार को मकर संक्राति का पर्व है। पर्व में महज तीन दिन शेष रह गए हैं। ऐसे में बाजार में तिलकुट बनाने का काम तेज कर दिया गया है। इस व्यवसाय से जुड़े दुकानदार तिल सामाग्री के निर्माण में दिन रात मेहनत कर रहे है। सुबह से देर रात तक तिलकुट निर्माण का काम जारी है। मकर संक्राति में तिल खाने को जहां धर्म से जोडा गया है,वही ठंड के मौसम में तिल व तिल निर्मित सामाग्री लोगों की सेहत के लिए लाभदायक भी माना गया है। तिलकुट दूकानों पर ग्राहकों की भीड़ लगनी शुरू हो गई है। सभी अपने सगे संबंधी व इष्ट मित्रों के पास तिलकुट भेज रहे हैं। इस पर्व में लोग इसके साथ चूड़ा,दही भी रिश्तेदारों के पास पहुंचाने का काम करते है। राजगीर-बोधगया राजमार्ग 82 पर नारदीगंज में तिलकुट की कई दूकानें है। इसके अलावा नारदीगंज अंदर बाजार व मसौढ़ा रोड में भी तिलकुट की दूकानें सज गइई है। यहां के उत्पादित तिलकुट आसपास गांवों के अलावा दिल्ली, कोलकता आदि शहरों में भेजा जाता है। नारदीगंज बाजार में तिलकुट बनाना लघु उघोग के रूप में जाना जाता है। नारदीगंज बाजार के श्री गो¨वद तिलकुट भंडार के संचालक डोमन प्रसाद कहते है चीनी व तिल के दामों में पिछले साल के अपेक्षा इस वर्ष अधिक बढ़ोतरी हुई है। कारीगर की मजदूरी में भी दस प्रतिशत वृद्धि हुई है। पिछले साल जिस भाव से तिलकुट व अन्य तिल से निर्मित सामग्री की बिक्री हुई थी,उसी दर में इस वर्ष तिलकुट व उसके निर्मित सामाग्री में कीमत थोड़ी सी वृद्धि कर बिक्री की जा रही है। तिलकुट 200 रुपये, मस्का 100 रुपये, खोवा निर्मित तिलकुट 260 रुपये किलो, गुड़ तिलकुट 220 रुपये किलो, तिल पापड़ी 200 रुपये की दर से बेचा जा रहा है। फिलहाल ग्राहकों की मांग अधिक है। उत्पादित सामग्री से ग्राहक को संतुष्ट करने का भरसक प्रयास किया गया है। ग्राहकों की मांग की पूर्ति के लिए काफी मेहनत करनी पड़ रही है। इसके अलावा बस्तीबिगहा बाजार में भी तिलकुट बनाने का कार्य बदस्तूर जारी है। मकर संक्रांति को ले दही व चूड़ा का इंतजाम सभी घरों में किया जा रहा है। चूड़ा कुटाने के लिए मिलों पर भीड़ उमड़ रही है।