आचार संहिता उल्लंघन होने पर करें त्वरित कार्रवाई
- समाहरणालय में उड़नदस्ता दल को दिया गया प्रशिक्षण - सी विजिल एप के क्रियान्वयन पर दी विशेष
- समाहरणालय में उड़नदस्ता दल को दिया गया प्रशिक्षण
- सी विजिल एप के क्रियान्वयन पर दी विशेष जानकारी
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संवाद सहयोगी, नवादा : विधानसभा चुनाव के सफल संचालन को लेकर सोमवार को समाहरणालय सभागार में उड़नदस्ता दल एवं स्टैटिक निगरानी दल को प्रशिक्षण दिया गया। कोषांग के नोडल पदाधिकारी विनय कुमार की मौजूदगी में आयोजित प्रशिक्षण में आइटी मैनेजर दयानंद ठाकुर ने सी विजिल एप के बारे में विस्तार से जानकारी दी। प्रशिक्षण में उड़नदस्ता दलों के कर्तव्यों व निर्वाचन संबंधी कानूनी प्रावधानों की विस्तार से जानकारी दी गई और बताया गया कि उड़नदस्ता दल को चुनाव की शुचिता बनाए रखने के लिए आदर्श आचरण संहिता के उल्लंघन और संबंधित शिकायतों के मामलों पर त्वरित कार्रवाई करना है। मतदाताओं को डराने-धमकाने, वोटरों को रिश्वत देने के प्रयोजनार्थ भारी मात्रा में नगदी को लाने-ले जाने, असामाजिक तत्वों, अवैध शराब, हथियार आदि से संबंधित शिकायतों पर भी कार्रवाई करेंगे।
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हर गतिविधियों का कराएं वीडियोग्राफी
- आचार संहिता उल्लंघन से संबंधित शिकायत पाए जाने पर फौरन कार्रवाई करते हुए हर गतिविधियों की वीडियोग्राफी कराएं। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 3-4 उड़नदस्ता दल होंगे। हरेक दल में एक दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी और वीडियोग्राफर रहेंगे। यह टीम आचार संहिता लागू होने से निर्वाचन समाप्ति तक कार्यरत रहेगी। किसी भी प्रकार की चुनाव संबंधी अवैध गतिविधियां मसलन पैसा वितरण, निगेटिव स्पीच, अल्कोहल वितरण आदि की शिकायत प्राप्त होने पर उड़नदस्ता दल अविलंब मौके पर पहुंच कर संदिग्ध वस्तुओं को जब्त करेगी और कार्रवाई करेगी। सारी गतिविधियों का वीडियो रिकॉर्डिंग होना अनिवार्य होगा। एफआइआर होने के बाद उसकी कॉपी जिला निर्वाची पदाधिकारी, एसपी और सहायक व्यय प्रेक्षक को भेजना है।
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सी विजिल एप पर प्राप्त शिकायतों के आलोक में करें कार्रवाई
- प्रशिक्षण में सी विजिल एप के क्रियान्वयन की जानकारी दी गई। बताया गया कि चुनाव के दौरान होने वाली गड़बड़ियों को रोकने के उद्देश्य से सी-विजिल एप को तैयार किया गया है। इसके जरिए चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन की जानकारी वोटर दे सकते हैं। आचार संहिता के उल्लंघन की जानकारी देने के लिए फोटो या दो मिनट तक का वीडियो ऐप पर अपलोड कर सकते हैं। फोटो या वीडियो अपलोड होते ही उस जगह का लोकेशन भी पता चल जाएगा। आचार संहिता लागू होते ही इस एप का इस्तेमाल शुरू हो जाएगा। मौके पर राज्यकर सहायक आयुक्त विनय कुमार, मनीष कुमार गुप्ता एवं डीपीआरओ गुप्तेश्वर कुमार उपस्थित थे।