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उन्नत कृषि के लिए मिट्टी जांच जरूरी : डा. धनंजय

नवादा कृषि विज्ञान केंद्र ग्राम निर्माण मंडल द्वारा सदर प्रखंड के महुली गांव में रविवार को विश्व मृदा दिवस मनाया गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Dec 2021 10:22 PM (IST)Updated: Sun, 05 Dec 2021 10:22 PM (IST)
उन्नत कृषि के लिए मिट्टी जांच जरूरी : डा. धनंजय
उन्नत कृषि के लिए मिट्टी जांच जरूरी : डा. धनंजय

नवादा : कृषि विज्ञान केंद्र ग्राम निर्माण मंडल द्वारा सदर प्रखंड के महुली गांव में रविवार को विश्व मृदा दिवस मनाया गया। कार्यक्रम के दौरान डा. धनंजय कुमार ने किसानों को उन्नत खेती के लिए जरूरी जानकारियां दी। बताया कि वर्तमान में खेती के लिए मिट्टी जांच जरूरी है। इससे मिट्टी में मौजूद सभी प्रकार की जानकारियां मिलती है। जिससे आवश्यकता अनुसार पोषक तत्व मिट्टी में डाल सकते हैं। इससे बेहतर पैदावार में मदद मिलती है। अनिल कुमार ने बताया कि अभियान का उद्देश्य लोगों को मिट्टी से जोड़ना एवं हमारे जीवन में उसके महत्व एवं महत्वपूर्ण अभियान के बारे में जागरूक करना है। कार्यक्रम के दौरान 255 कृषक एवं कृषक महिलाओं के बीच मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किया गया। उसके इस्तेमाल करने का तरीका भी बताया गया।

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मृदा दिवस के अवसर पर किसानों के बीच बांटा गया मृदा स्वस्थ्य कार्ड : रजौली प्रखंड परिसर अवस्थित ई-किसान भवन के सभागार में रविवार को मृदा दिवस के अवसर पर अंचलाधिकारी अनिल प्रसाद एवं नोडल कृषि समन्वयक धनंजय कुमार के द्वारा के किसानों के बीच मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किया गया।

अंचलाधिकारी ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है। सरकार द्वारा किसानों के हित के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है। जिनमें किसान फसल बीमा योजना प्रमुख है। जिसके तहत किसानों को सालाना तीन किस्तों में 6000 रुपये दी जाती है। इसके अतिरिक्त मिट्टी की गुणवत्ता में विशेष सुधार हेतु मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की शुरुआत की गई है। इसके तहत किसान अपने खेतों की मिट्टी में मौजूद विभिन्न पोषक तत्वों जैसे जैविक कार्बन, नाइट्रोजन,फास्फेट,पोटाश,सल्फर,जिक,बोरोन,मैंगनीज,कापर आदि की जानकारी ले पाते हैं। इससे किसानों को अपने खेतों में मौजूद मिट्टी की गुणवत्ता की जानकारी मिलती है। जानकारी पाकर कृषि सलाहकार की सहायता से आवश्यक पोषक तत्वों का छिड़काव अपने खेतों में कर फसल की पैदावार में बढ़ोतरी करते हैं।

वहीं नोडल कृषि समन्वयक धनंजय कुमार ने बताया कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड के लिए किसानों को अपने जमीन के कागजात के अलावे खेत मे मौजूद मिट्टी के सैंपल को लेकर स्थानीय किसान सलाहकार से संपर्क करें। जब किसानों को अपने खेतों की मिट्टी की जानकारी हो जाएगी, तो वे खुद उन्हीं खाद पर पैसा खर्च करेंगे जिनकी जरूरत है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड नहीं रहने पर किसान को खादों पर अनावश्यक पैसे खर्च करना पड़ता है। जिससे मिट्टी के साथ-साथ फसल को भी नुकसान पहुंचता है। मौके पर चितरकोली पंचायत के रतनपुर गांव के किसानों में महेंद्र पंडित,लखन पंडित,सुरेंद्र पंडित,बिदु देवी,सीता देवी के अलावे दर्जनों किसान के साथ,प्रखंड उद्यान पदाधिकारी सुशील कुमार, कृषि समन्वयक रामा शंकर कुमार, रणधीर कुमार,गणेश शंकर,संजय कुमार,शंभु कुमार,किसान सलाहकार विजय प्रसाद,राजेश कुमार व राजीव के अलावे अन्य कर्मी मौजूद थे।


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