बच्चों से भरी स्कूल बस पलटी, दर्जन भर जख्मी
नगर पंचायत क्षेत्र के महादेव मोड़ स्थित रेलवे क्रॉ¨सग के समीप शुक्रवार को बच्चों से भरी ।
नगर पंचायत क्षेत्र के महादेव मोड़ स्थित रेलवे क्रॉ¨सग के समीप शुक्रवार को बच्चों से भरी स्कूल बस पलट गई। जिसमें दर्जन भर बच्चे जख्मी हो गए। सभी का इलाज निजी चिकित्सालय में कराया गया। बस हिसुआ से मनमा गांव की ओर जा रही थी। हादसे के बाद चालक वाहन छोड़कर फरार हो गया। आसपास रहे लोगों ने बच्चों को बस से निकाला।
बताया जाता है कि हिसुआ के नरहट रोड में संचालित ओम शांति निकेतन स्कूल की सिटी राईड स्कूल बस बीआर 25 ए- 2854 बच्चों को घर तक छोड़ने के लिए मनमा गांव की ओर जा रही थी। रेलवे क्रा¨सग के समीप बस गड्ढ़े में पलट गई। बस में कुल 21 बच्चे सवार थे। बस पलटने के बाद चालक बच्चों को उसके हाल पर छोड़कर वहां से फरार हो गया। बच्चों की चीख-पुकार सुनकर पास में क्रिकेट खेल रहे लड़के दौड़कर पहुंचे और सभी को बाहर निकाला। सूचना के बाद पहुंचे विद्यालय के संचालक ने बच्चों को दूसरी गाड़ी से उनके घरों तक पहुंचा दिया। घर पहुंचने के बाद जख्मी रहे बच्चों को अभिभावकों ने अपने -अपने स्तर से निजी क्लीनिक में इलाज कराया। जख्मी मनमा गांव का छात्र टुक-टुक कुमार एवं प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मोटरसाइकिल को बचाने के चक्कर में ड्राइवर ने हैंडल मोड़ा जिससे बस का पहिया पीसीसी सड़क से नीचे उतर गया। बस गड्ढे में जा गिरी। इस बीच हिसुआ पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच की। बस को पुलिस कब्जे में ले ली है।
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दूसरी बार हुई दुर्घटना
-बताया जाता है कि ओम शांति निकेतन विद्यालय की स्कूल बस दूसरी बार दुर्घटनाग्रस्त हुई है। पिछले साल भी तिलैया स्टेशन के पास बड़ी पाली गांव जाने वाले रास्ते में मैजिक गाड़ी गड्ढ़े में पलट गई थी। उस वक्त भी कई बच्चे बुरी तरह जख्मी हुए थे।
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जर्जर बसों का होता है उपयोग
- प्रखंड क्षेत्र के कई गैर सरकारी विद्यालयों द्वारा बच्चों की सुरक्षा के लिए निर्धारित मानकों का ख्याल नहीं रखा जाता है। कम राशि में अप्रशिक्षित चालक और काफी पुराने वाहनों का उपयोग बच्चों को घर से स्कूल लाने व ले जाने में किया जाता है। जिस कारण अक्सर ऐसी घटनाएं होती है। एक तो खटारा वाहन, उसपर क्षमता से अधिक बच्चे और गांवों गलियों तक गाड़ी घुसाने की होड़ दुर्घटना की वजह बन रहा है। अभिभावकों ने इस प्रकार के वाहनों की परिचालन पर रोक लगाने एवं विद्यालय संचालकों पर कार्रवाई की मांग की है।