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हनुमनती अभ्रक खदान पर छापेमारी, दो ट्रैक्टर व दो बाइक की गई जब्त

बुधवार की देर शाम सवैयाटाड़ पंचायत स्थित हनुमनती अभ्रक खदान पर अवैध खनन रोकने के लिए वन विभाग की टीम ने छापेमारी की। इस दौरान कंप्रेशर मशीन लगा हुआ दो ट्रैक्टर और दो बाइक को जब्त किया गया। छापेमारी टीम का नेतृत्व डीएफओ अवधेश कुमार ओझा व एएसपी अभियान कुमार आलोक कर रहे थे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Apr 2020 09:36 PM (IST)Updated: Fri, 10 Apr 2020 06:12 AM (IST)
हनुमनती अभ्रक खदान पर छापेमारी, दो ट्रैक्टर व दो बाइक की गई जब्त
हनुमनती अभ्रक खदान पर छापेमारी, दो ट्रैक्टर व दो बाइक की गई जब्त

बुधवार की देर शाम सवैयाटाड़ पंचायत स्थित हनुमनती अभ्रक खदान पर अवैध खनन रोकने के लिए वन विभाग की टीम ने छापेमारी की। इस दौरान कंप्रेशर मशीन लगा हुआ दो ट्रैक्टर और दो बाइक को जब्त किया गया। छापेमारी टीम का नेतृत्व डीएफओ अवधेश कुमार ओझा व एएसपी अभियान कुमार आलोक कर रहे थे।

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डीएफओ ने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि हनुमनती अभ्रक माइंस पर मशीन लगाकर अवैध उखनन किया जा रहा है। सूचना के आलोक में एएसपी अभियान के साथ एक टीम बनाकर कार्रवाई की गई। इस दौरान माफिया झारखंड सीमा की ओर फरार हो गए।

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राजू यादव द्वारा कराया जा रहा था खनन

- डीएफओ ने कहा की हनुमनती अभ्रक माइंस पर सपही के राजू यादव, उसका भाई और अन्य कई लोग मिलकर हरे-भरे पेड़ को काटकर गिरा दिया है। उस जगह पर मशीन लगाकर अंडर ग्राउंड खदान बनाकर अभ्रक का अवैध खनन कि जा रहा था। इन सभी के विरुद्ध वन विभाग की विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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महिलाओं ने रोका रास्ता

- कार्रवाई के बाद जब अधिकारी लौट रहे थे तब जब्त वाहनों को छुड़ाने का प्रयास ग्रामीणों द्वारा किया गया। डीएफओ ने बताया कि वाहन को छुड़ाने के लिए राजू यादव ने अपने घर व गांव की कुछ महिलाओं को आगे कर जबरन गाड़ी छुड़ाने का प्रयास किया। तब सूचना कोडरमा एसपी को दी। कोडरमा पुलिस मौके पर पहुंची और जब्त किए वाहनों को वहां से निकालकर लाने में मदद की। छापेमारी दल में रेंजर विवेकानंद स्वामी और वन विभाग के अन्य कई कर्मी तथा स्वाट के जवान शामिल थे।

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प्रचार वाहन से पहुंचे थे जवान

- खदान तक पहुंचने के लिए तय रणनीति के तहत सरकारी वाहन की बजाय निजी वाहन का उपयोग किया गया। वाहन से कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव को प्रचार-प्रसार करते हुए स्वाट जवानों के साथ अधिकारी अभ्रक माइंस के नजदीक पहुंचे। स्वाट जवानों को प्रचार वाहन में बैठाया गया था ताकि अभ्रक माफिया के स्लीपर सेल को पुलिस के जवानों पर नजर न पड़े। जैसे ही वाहन माइंस के नजदीक पहुंची, वहां रहे माफिया स्थिति को भांप झारखंड की ओर फरार हो गए।


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