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विधान परिषद चुनाव में बैंगनी स्केच पेन का होगा इस्तेमाल

- 22 अक्टूबर को सुबह आठ से पांच बजे तक होगा मतदान - जिला निर्वाची पदाधिकारी ने जारी किया

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 11:07 PM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 05:12 AM (IST)
विधान परिषद चुनाव में बैंगनी स्केच पेन का होगा इस्तेमाल

- 22 अक्टूबर को सुबह आठ से पांच बजे तक होगा मतदान

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- जिला निर्वाची पदाधिकारी ने जारी किया दिशा-निर्देश

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फोटो-9,10

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संवाद सहयोगी, नवादा : बिहार विधान परिषद के पटना स्नातक एवं शिक्षक चुनाव को लेकर प्रशासनिक तैयारियां जोर शोर से चल रही है। जिला निर्वाची पदाधिकारी यशपाल मीणा ने निर्देश जारी कर कहा है कि चुनाव आयोग से जारी दिशा-निर्देश के अनुसार मतदान कराया जाएगा। वोटिग के दौरान मतदान के लिए निर्वाची पदाधिकारी द्वारा आपूर्ति किए गए बैंगनी स्कैच पेन का प्रयोग किया जाएगा, जो निर्वाचकों को मतपत्र के साथ दिया जाएगा। मत पत्र पर अन्य कलम, पेंसिल बॉल पेन या चिन्ह लगाने वाले किसी उपकरण का प्रयोग करने से मतपत्र अवैध हो जाएगा। निर्वाचकों द्वारा जिस अभ्यर्थी का चयन अपने प्रथम पसंद के रूप में करते हैं, उनके नाम के समक्ष वरीयता क्रम के स्तंभ में अंक 1 लिखकर मतदान करें। यह अंक 1 सिर्फ एक अभ्यर्थी के नाम के सामने अंकित करें। जितने अभ्यर्थी हैं, निर्वाचकों के लिए उतनी वरीयता क्रम उपलब्ध है। उदाहरण स्वरूप यदि निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों की संख्या 5 है तो निर्वाचक अपनी पसंद के अनुसार 1 से 5 तक संख्या अंकित कर सकते हैं। मतपत्रों का निर्वाचकों द्वारा नाम या कोई शब्द या हस्ताक्षर या लघु हस्ताक्षर या अंगूठे का निशान नहीं लगाया जाएगा। ऐसा करने से मतपत्र रद कर दिया जाएगा। मतपत्र पर अभ्यर्थी के नाम के सामने सही या गलत का निशान अंकित नहीं किया जाएगा। ऐसा करने से मतपत्र रद्द कर दिया जाएगा।

22 अक्टूबर को सुबह 8 से शाम 5 बजे तक मतदान का समय निर्धारित है। मतदान के मतदाताओं को वोटर आइडी कोड (ईपिक) होना चाहिए। ईपिक के अतिरिक्त मतदाताओं के पहचान के लिए आधार कार्ड, ड्राइविग लाइसेंस, पैन कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, राज्य या केन्द्र सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम, स्थानीय निकाय या निजी औद्योगिक घराने द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किए गए सेवा पहचान पत्र, सांसदों, विधायकों, विधान परिषद सदस्यों को जारी किए गए सरकारी पहचान पत्र, शैक्षणिक संस्थानों, जिसमें संबंधित शिक्षक-स्नातक निर्वाचन क्षेत्र का निर्वाचक कार्यरत है, द्वारा जारी किए गए सेवा पहचान पत्र, विश्वविद्यालय द्वारा जारी डिग्री/डिप्लोमा प्रमाण पत्र मूल में, सक्षम प्राधिकार द्वारा दिव्यांग (फिजीकल हैंडिकैप) को जारी प्रमाण पत्र मूल में वैकल्पिक दस्तावेज के रूप में अनुमान्य है।


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