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पॉलीथिन से लोगों का नहीं हो रहा मोह भंग

जिले के लोगों का पॉलीथिन से मोहभंग नहीं हो पा रहा है। आज भी पॉलीथिन बैग का प्रयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Feb 2019 11:23 PM (IST)Updated: Tue, 12 Feb 2019 11:23 PM (IST)
पॉलीथिन से लोगों का नहीं हो रहा मोह भंग

जिले के लोगों का पॉलीथिन से मोहभंग नहीं हो पा रहा है। आज भी पॉलीथिन बैग का प्रयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है। राज्य सरकार ने पर्यावरण की रक्षा के लिए 23 दिसम्बर 18 से पॉलीथिन के उपयोग पर रोक लगा रखी है, बावजूद शहरी क्षेत्रों में भी धड़ल्ले से जारी है।

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शुरूआती दिनों में नगर परिषद द्वारा अभियान चलाकर छापेमारी कर जुर्माने की वसूली के बाद लोगों में हड़कंप कायम हुआ था। प्रशासनिक कार्रवाई कुंद होते ही नगर के फुटपाथी दुकानदारों से लेकर बडे़ संस्थानों में पॉलीथिन का उपयोग आरंभ कर दिया है। प्रशासन द्वारा 50 माइक्रॉन से कम मोटाई वाली पॉलीथिन कैरीबैग की खरीद-बिक्री पर रोक लगा रखी है। इसकी खरीद-बिक्री करते पकड़े जाने पर पांच हजार रुपये तक जुर्माना के साथ सजा का प्रावधान है। इसके साथ ही प्लास्टिक के अवशेषों को जलाते पकड़े जाने पर भी जुर्माने का प्रावधान किया गया है। महंगा साबित हो रहा विकल्प

-पॉलीथिन के विकल्प के रूप में तेजी से बाजार में नॉन वोवेन कैरीबैग का प्रवेश हुआ। इसके महंगे होने के कारण पुन: छोटे दुकानदारों ने पॉलीथिन का प्रयोग करना आरंभ कर दिया। सफाई वाले कचरे में बरामद हो रहे पॉलीथिन कैरीबैग इसका प्रमाण है। जिससे इसके प्रयोग किए जाने की पुष्टि होती है। अब जबकि जांच की प्रक्रिया ही कुंद पड़ गई है तो फिर प्रयोग होना स्वाभाविक है। रोजगार से जोड़ने की थी योजना

-नगर में पॉलीथिन कैरीबैग के स्थान पर विकल्प के रूप में कैरीबैग जैसे कागज, कपड़ा, जूट, मिट्टी के कुल्हड़ आदि बनाने के लिए महिलाओं को स्वयं सहायता समूह के माध्यम से प्रशिक्षित करने की योजना बनी थी। लेकिन नॉन वावेन थैली के बाजार में आने से इस प्रकार के रोजगार की संभावना समाप्त हो गई। ऐसे में महिलाओं को रोजगार मिलने के अवसर पर विराम लग गया है। निगरानी के लिए बनी है समिति

- पॉलीथिन के प्रयोग पर रोक लगाने के लिए जिलास्तर से लेकर नगर तक कमेटी का गठन किया गया है। जिलास्तर की निगरानी के लिए समाहर्ता की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है तो नगर व नगर पंचायत स्तर पर सीटी स्क्वायर्ड टास्क फोर्स का गठन किया गया है। जिले के तीनों निकायों में पॉलीथिन के प्रयोग पर रोक लगाने के लिए कई आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। बावजूद नियमित जांच के अभाव में फुटपाथी दुकानदारों से लेकर सब्जी व फल बिक्रेताओं ने पॉलीथिन का प्रयोग करना आरंभ कर दिया है। ऐसा निगरानी का धार कुंद होने के कारण हो रहा है।

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कहते हैं अधिकारी

- पॉलीथिन पर पूर्ण प्रतिबंध लागू है, बावजूद अगर इसका अब भी प्रयोग किया जा रहा है तो अभियान चलाकर इसे जल्द रोका जाएगा। वैसे ग्राहकों की भी जिम्मेवारी बनती है कि वे पॉलीथिन में सामान लेने से इंकार करें। जुर्माना वसूले जाने का अभियान फिर से आरंभ किया जाएगा।

देवेन्द्र सुमन, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद, नवादा।


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