चिकित्सकों की मनमानी से वारिसलीगंज के अस्पतालों में मरीजों की परेशानी बढ़ी
वारिसलीगंज पीएचसी व रेफरल अस्पताल में कहने को तो छह डाक्टर पदस्थापित हैं पर सेवा नहीं द
वारिसलीगंज पीएचसी व रेफरल अस्पताल में कहने को तो छह डाक्टर पदस्थापित हैं पर सेवा नहीं देने से क्षेत्र के रोगियों की परेशानी बढ़ने लगी है। खासकर जब से प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर बीएल चौधरी का ट्रांसफर हुआ है तब से अस्पताल की व्यवस्था और लुंज पुंज हो गई है। डॉक्टर चौधरी के जाने के साथ पिछले आठ जून को डॉक्टर राम कुमार तथा उनकी पत्नी डॉक्टर आरपी अर्चना ने योगदान किया। परंतु एक सप्ताह बीतने को है महज एक दिन डाक्टर राम कुमार का दर्शन हुआ। वहीं नवनियुक्त महिला चिकित्सक का अबतक कोई अतापता नहीं है। पीएचसी में कार्यरत एक मात्र डॉक्टर अमित गुप्ता के अलावा रेफरल के दो चिकित्सक के सहारे रोगियों का इलाज हो रहा है। यही हाल रेफरल अस्पताल का है जहां छह माह पूर्व शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर शंभुक की पोस्टिग की गई। पोस्टिग के साथ तीन माह के लिए ट्रेनिग पर चले गए। ट्रेनिग समाप्त होने के तीन माह बीत जाने के बाद अस्पताल में पूरी सेवा देना उचित नहीं समझ रहे है। सूत्रों की माने तो डाक्टर शंभुक महीने में एकाध बार अस्पताल पहुंच कर खानापूर्ति कर रहे हैं। अस्पतालों में डॉक्टरों की व्यवस्था तो की गई है पर चिकित्सक अपने कर्तव्यों का सही से संपादन करना उचित नहीं समझ रहे है। ऐसे हालात में रोगियों की इलाज भगवान भरोसे है। इस संबंध में सीएस श्रीनाथ प्रसाद से संपर्क किया गया तो उन्होंने बिना कुछ बोले फोन का संबंध विच्छेद कर दिया। क्षेत्र वासियों ने जिलाधिकारी समेत नवनिर्वाचित सांसद चंदन कुमार से वारिसलीगंज के मरीजों के सहायतार्थ अस्पतालों की व्यवस्था में सुधार लाने की मांग की है।