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ओलावृष्टि से पान की खेती चौपट, किसान परेशान

नारदीगंज प्रखंड क्षेत्र में गुरुवार को हुए ओलावृष्टि से हंडिया गांव में पान की खेती चौपट हो गई है। तेज आंधी-पानी के साथ ओलावृष्टि ने पान उत्पादक किसानों को काफी नुकसान पहुंचाया। तूफान ने खेतों में पान का बैरेठा उंखड़ कर गिर गया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 May 2020 10:03 PM (IST)Updated: Fri, 08 May 2020 10:03 PM (IST)
ओलावृष्टि से पान की खेती चौपट, किसान परेशान
ओलावृष्टि से पान की खेती चौपट, किसान परेशान

नारदीगंज प्रखंड क्षेत्र में गुरुवार को हुए ओलावृष्टि से हंडिया गांव में पान की खेती चौपट हो गई है। तेज आंधी-पानी के साथ ओलावृष्टि ने पान उत्पादक किसानों को काफी नुकसान पहुंचाया। तूफान ने खेतों में पान का बैरेठा उंखड़ कर गिर गया है। देशव्यापी लॉकडाउन की अवधि में पान की बिक्री नहीं हो पा रही थी। मंडी तक पान नहीं पहुंच रहा था। एक ओर पान की बिक्री बंद थी, तो दूसरी ओर प्रकृति के कहर से किसान दोहरी मार से त्रस्त है। हंडिया, पचेया का पान मगही पान के नाम से मशहूर है। जिले के अलावा गया, वाराणसी, कोलकता समेत अन्य बड़े शहरों में यहां से पान पहुंचाया जाता है। किसान कहते है कि अब सरकार के भरोसे ही जिदा हैं। अगर सरकार मदद नहीं करती है,तो हमसबों को भूखे मरने की नौबत आ जाएगी।

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क्या कहते हैं किसान

-आंधी पानी व ओलावृष्टि से पान की खेती को काफी क्षति पहुंची है। हमलोगों का जीने का एकमात्र साधन को प्रकृति ने बर्बाद कर दिया।

महेन्द्र प्रसाद चौरसिया, हंडिया। फोटो-11

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- लॉकडाउन से पान की बिक्री बंद है। मंडी तक पान नहीं पहंच रहा था। बारिश व ओलावृष्टि से काफी क्षति पहुंची है। दोहरी मार से हमलोग मर रहे हैं। इस आपदा में हमसभी किसानों को सरकार सहायता राशि उपलब्ध करा दे, ताकि परिवार का भरण पोषण किया जा सके।

-कमलेश प्रसाद चौरसिया, हंडिया। फोटो-13

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-हमलोगों के जीने का साधन पान की खेती है,लेकिन एक ओर लॉकडाउन है,तो दूसरी ओर ओलावृष्टि से फसल व पान का बैरेठा नष्ट हो गया है। कोई देखनहार नहीं है। किसानों की समस्या पर सरकार व जिला प्रशासन को साकारात्मक कदम उठाना चाहिए।

-मोती प्रसाद चौरसिया,हंडिया। फोटो-12

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क्या कहते हैं अधिकारी

-क्षतिपूर्ति का आकलन कर रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी। ताकि किसानों को नुकसान की भरपाई हो सके।

- अमरनाथ मिश्र, बीएओ, नारदीगंज।


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