श्रीविधि से धान की खेती किसानों के लिए फायदेमंद
नवादा जिले में अनेक किसान इस साल श्री विधि तकनीक से धान की खेती कर रहे हैं।
नवादा जिले में अनेक किसान इस साल श्री विधि तकनीक से धान की खेती कर रहे हैं। ये खेत इन दिनों अच्छी स्थिति में हैं। धान के पौधे हरे-भरे दिख रहे हैं। नवादा प्रखंड के सिसवां गांव में किसान प्रमोद कुमार ¨सह, रजौली परमचक में किसान प्रवीण कुमार मिश्रा, हड़िया में कमलेश कुमार, सत्येंद्र कुमार, हिसुआ प्रखंड कैथिर के ओमप्रकाश ¨सह, महिला किसान रानी कुमारी, खानपुर के दीपु यादव, छतिहर के श्रवण ¨सह, बगोदर के रामवृक्ष ¨सह, सिरदला प्रखंड अंतर्गत बभनी गांव की महिला किसान मधुलता, सुरेश प्रसाद, गौरीशंकर प्रसाद, मिथलेश प्रसाद, भोला प्रसाद व अन्य किसान श्री विधि से धान की खेती कर रहे हैं। इन दिनों खरपतवार की निकासी का समय है। सिसवां के किसान कोनोबीडर यंत्र से खरपतवार की निकासी करके पौधों को अधिक समुन्न्त बना रहे हैं। इस बारे में नारदीगंज के कृषि समन्वयक राजेश रंजन ने बताया कि श्री विधि की खेती में धान में 15 वें दिन खरपतवार नियंत्रण कोनोवीडर से किया जाता है। इससे धान के पौधों की जड़ों तक हवा का संचार सही से होता है। पौधों का सही से वानस्पितक विकास होता है। इस तरह से धान की पौधों में कल्ले अधिक संख्या में निकलते हैं। इस तकनीक में पौधा पूरी तरह से स्वस्थ्य रहता है। इसके साथ ही इस श्रीविधि तकनीक में पौधे में कीट-व्याधी लगने की संभावना बहुत ही कम रहती है।
कृषि समन्वयक ने बताया कि इस नवीनतम विधि से खेती करने में किसानों को लागत भी कम आती है। धान की परंपरागत विधि की तुलना में इससे उत्पादन में दोगूनी बढ़ोतरी होती है । गौरतलब है कि कृषि विभाग से श्रीविधि तकनीक से खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ की दर से 3280 रुपये का अनुदान दिया गया है।