शिशु के विकास के लिए पौष्टिक आहार जरूरी
ती है। जिसके चलते उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए गर्भावस्था में महिलाओं को पौष्टिक आहार लेना आवश्यक है। इस अवसर पर जुटी महिलाओं को सेविका किरण देवी और सहायिका फरजाना बीबी ने महिला एवं बच्चों के विकास के सम्बन्ध में जानकारी दी। केंद्र पर आधा दर्जन शिशुओं का अन्नप्राशन किया गया। मौके पर पोषण क्षेत्र की महिलाएं उपस्थित रहीं।
बक्सर : प्रत्येक माह 19 को प्रखण्ड के आंगनबाड़ी केंद्र पर अन्नप्राशन दिवस के रूप में मनाया जाता है। जहां शिशु के अन्नप्राशन की रस्म अदायगी की जाती है। मंगलवार को चौसा के वार्ड नम्बर चार में स्थित कोड नं. 75 आंगनबाड़ी केंद्र पर अन्नप्राशन दिवस मनाया गया। जहां आधा दर्जन शिशुओं का अन्नप्राशन रस्म मनाया गया।
इस मौके पर बाल विकास परियोजना विभाग के प्रखंड समन्वयक सुनीता कुमारी ने कहा कि मां के साथ शिशु की देखभाल जरुरी होती है। मां का दूध पहला आहार होता है। जब शिशु बड़ा होने लगता है। छह माह बाद शिशु को पौष्टिक आहार जरुरी है। धीरे-धीरे अन्न का सेवन कराना प्रारम्भ किया जाना चाहिए। ताकि, बच्चे को कुपोषित होने से बचाया जा सके। इसके लिए कई ऐसे आहार हैं, जिससे बच्चे के पेट भी भरेंगे, वहीं उसके विकास के जरुरी तत्व की भी पूर्ति होती है। महिला पर्यवेक्षिका पुष्पा देवी ने गर्भवती महिला के पौष्टिक आहार के सम्बन्ध में जानकरी देते हुए कहा कि गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक आहार लेने से न सिर्फ महिलाएं स्वस्थ रहती है। बल्कि, पेट के अंदर पल रहे बच्चे का भी सर्वांगीण विकास होता है। पौष्टिक आहार के अभाव में महिलाएं विभिन्न प्रकार की बीमारियों से ग्रसित हो जाती है। जिसके चलते उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए गर्भावस्था में महिलाओं को पौष्टिक आहार लेना आवश्यक है। इस अवसर पर जुटी महिलाओं को सेविका किरण देवी और सहायिका फरजाना बीबी ने महिला एवं बच्चों के विकास के सम्बन्ध में जानकारी दी। केंद्र पर आधा दर्जन शिशुओं का अन्नप्राशन किया गया। मौके पर पोषण क्षेत्र की महिलाएं उपस्थित रहीं।