शहर में पार्क नहीं, लोग सड़कों पर करते हैं मॉर्निंग वाक
शहर वासियों के लिए नगर में एक भी पार्क नहीं है। आलम ये कि सुबह में लोग सड़कों पर मॉर्निंग वाक करते हैं तो शाम में घरों की छत पर। कई
शहर वासियों के लिए नगर में एक भी पार्क नहीं है। आलम ये कि सुबह में लोग सड़कों पर मॉर्निंग वाक करते हैं तो शाम में घरों की छत पर। कई साल से नगर परिषद की बैठक में पार्क निर्माण की योजना का प्रस्ताव लिया जा रहा है, लेकिन जमीन पर उतर नहीं रहा है।
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तेजी से बढ़ रही आबादी
-2011 की जनगणना के अुनसार नगर क्षेत्र की आबादी करीब एक लाख है। लेकिन, कागजी आंकड़ों से हटकर बात की जाए तो नगर व इससे सटे क्षेत्रों की आबादी 4 से 5 लाख तक पहुंच चुकी है। इतनी बड़ी आबादी के लिए एक भी पार्क निर्माण नहीं कराया गया है। शहर में पार्क नहीं रहने से लोग सड़कों पर मॉर्निंग वाक करते हैं।
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कूड़ादान बन गया गांधी पार्क
-मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना के तहत शहर के सरकारी बस पड़ाव की चारदिवारी से सटे भूमि पर वर्ष 2009-10 में गांधी पार्क का निर्माण कराया गया था। शुरुआती दौर में फूल-पत्तियां लगाए गए। लेकिन देखरेख के अभाव में पार्क कूड़ादान बन गया है। फिलहाल पार्क स्थल पर कचरा फेंका जा रहा है। पार्क में गंदगी का अंबार लगा है।
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आफिसर्स कॉलोनी पार्क भी बदहाल
-करीब तीन वर्ष पूर्व तत्कालीन डीएम मनोज कुमार के कार्यकाल में ऑफिसर्स कॉलोनी परिसर में पार्क बनाने का कार्य शुरू कराया गया था। जिसपर करीब 22 लाख रुपये खर्च किया गया। लेकिन पार्क पूरी तरह से डेवलप नहीं हो सका।
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नगर भवन पार्क का मिट गया अस्तित्व
-साल 2000 के आसपास तत्कालीन सांसद संजय पासवान ने अपने विकास कोष से नगर भवन परिसर में पार्क निर्माण के लिए राशि दी थी। पार्क निर्माण की दिशा में काम हुआ लेकिन आधा-अधूरा रहा। अब तो उसका अस्तित्व भी मिट चुका है।
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चिलड्रेन पार्क के लिए पहल नहीं
-पूर्व के एसडीएम जेड हसन के समय में न्यू एरिया मोहल्ला के लोगों की मांग पर आरएमडब्लू कॉलेज गली में चिल्ड्रेन पार्क निर्माण कराने के लिए स्थल का चयन का किया गया था। लेकिन चयन स्थल पर पार्क का निर्माण नहीं कराया गया। पार्क का साइन बोर्ड धूल फांक रहा है। फिलहाल चयन स्थल पर कचरा का अंबार लगा है। पार्क निर्माण कराने के लिए जिला प्रशासन द्वारा कोई पहल नहीं की गई।
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भूमि का अभाव में पार्क निर्माण में रोड़ा
- मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना के तहत शहर में तीन एकड़ भूमि पर पार्क निर्माण कराया जाना था। नगर परिषद द्वारा तत्कालीन डीएम ललन जी को भूमि उपलब्ध कराने का प्रस्ताव भी भेजा गया था। लेकिन जिला प्रशासन द्वारा भूमि उपलब्ध नहीं कराया गया। जिसके कारण पार्क निर्माण की योजना अधर में लटक गई। भूमि के अभाव में अभीतक पार्क का निर्माण नहीं हो सका है।
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कहते हैं लोग
- लोगों को स्वस्थ्य रहने के लिए सुबह में टहलना अतिआवश्यक है। शहर में पार्क की व्यवस्था नहीं रहने से लोगों को सुबह में टहलने में परेशानी होती है। पार्क निर्माण के लिए जिला प्रशासन को पहल करनी चाहिए।
सुरजीत कुमार,न्यू एरिया।फोटो-10.
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- हर मनुष्य को सुबह में टहलना चाहिए। सुबह टहलने से स्वच्छ हवा मिलती है। इसके साथ ही कई रोग से निजात मिलता है। सरकारी स्तर पर शहर में पार्क का निर्माण होना चाहिए।
नरेंद्र प्रसाद,सेवानिवृत कॉलेज कर्मी। फोटो-11.
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- नवादा शहर में कहने के लिए कई पार्क की योजनाएं बनी। लेकिन जमीन पर एक भी नहीं उतर सका। शहर में पार्क होना चाहिए। जहां हर उम्र के लोग टहलने के लिए जा सकें। महिलाओं के लिए एक विशेष पार्क बनना चाहिए।
ज्योति सिन्हा,छात्रा। फोटो-12.
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- भागदौड़ की ¨जदगी में सुबह का व्यायाम बहुत ही जरूरी है। सुबह में टहलने से पूरे शरीर को तनदुरूस्ती मिलती है। मन प्रसन्न रहता है।लेकिन अफसोस है कि शहर में कोई पार्क नहीं है।नवादा में एक पार्क बनना चाहिए।
राजन कुमार,व्यवसायी। फोटो-13.
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- नवादा शहर की आबादी दिनों दिन बढ़ रही है। लेकिन नागरीय सुविधाएं नहीं मिल रही है। एक खूबसूरत पार्क शहर में होना चाहिए। जहां सुबह-शाम लोग टहल सकें। इससे सेहत अच्छी रहती है।
प्रियंका कुमारी,गृहणी।फोटो-14.
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- एक बड़ी आबादी के समक्ष एक भी पार्क का नहीं होना ¨चता की बात है। शहर में पार्क बने।इस दिशा में जिला प्रशासन के साथ ही जनप्रतिनिधियों को भी ध्यान देना चाहिए।यह शहर की जरूरत है।
मो.महताब आलम,छात्र।फोटो-15.
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कहते हैं अधिकारी
- शहर में पर्याप्त जमीन नहीं रहने के कारण पार्क नहीं बन सका है। वैसे शहरवासियों की इस जरूरत को ध्यान में रखते हुए प्रशासनिक पहल की जाएगी। शहरी क्षेत्र में जहां कहीं भी खाली भूमि पड़ी हुई है उसे विभाग द्वारा स्थानांतरित कर पार्क निर्माण के लिए पहल की जाएगी।
देवेंद्र सुमन,कार्यपालक पदाधिकारी,नगर परिषद, नवादा। फोटो-32.