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दो वर्ष बाद अपनी मां की गोद में पहुंचा सोनू

नवादा। बाल कल्याण समिति के द्वारा मंगलवार को दो वर्षीय बालक सोनू को उसके असली माता-पिता को सौंप दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 02 Jun 2020 09:20 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2020 09:20 PM (IST)
दो वर्ष बाद अपनी मां की गोद में पहुंचा सोनू

नवादा। बाल कल्याण समिति के द्वारा मंगलवार को दो वर्षीय बालक सोनू को उसके असली माता-पिता को सौंप दिया गया। अपने पुत्र को पाकर संजू देवी और राजेश राजवंशी काफी खुश हुए। मामला हिसुआ थाना क्षेत्र के लटावर गांव से जुड़ा है। इस बालक को लेकर संजू देवी और पूजा देवी के बीच विवाद चल रहा था। दोनों महिलाएं बालक पर अपना-अपना दावा कर रही थीं। जिसके बाद मामला थाना तक पहुंचा था। तीन दिन पूर्व इस मामले का पटाक्षेप हुआ। इसके बाद बालक को उसके माता-पिता को सौंप दिया गया। इस अवसर पर बाल कल्याण समिति के अधिकारी संतोष झा, आइसीडीएस डीपीओ रश्मि रंजन व सीडीपीओ आभा कुमारी आदि उपस्थित थे।

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उल्लेखनीय है कि 29 अप्रैल 2018 की शाम लटावर गांव से बच्चों की चोरी हुई थी। काफी खोजबीन करने के बाद भी बच्चा का कहीं पता नहीं चल सका तो बच्चा के मामा मिठु राजवंशी ने भांजा की चोरी होने की प्राथमिकी हिसुआ थाने में दर्ज कराई थी। चोरी के समय सोनू करीब 7 माह का था। 26 मई को संजु एवं उसके पति राजेश को पता चला कि उसका बच्चा लटावर निवासी कारू राजवंशी पहली पत्नी पूजा देवी के पास है। पति के छोड़ देने के बाद पूजा झारंखड राज्य के बासोडीह निवासी संजय राजवंशी के साथ शादी कर हिसुआ नगर पंचायत वार्ड -5 नाला पर निवासी रंजय मांझी के मकान में किराए पर रहती थी। पूजा का दूसरा पति चोरी के अपराध में जेल में है। बच्चा का पता चलने पर संजू एवं उसके पति तथा मायके के स्वजन हिसुआ पहुंच पूजा की गोद से बच्चा छीनकर चले गए थे। पूजा की शिकायत के बाद थानाध्यक्ष राजकुमार के निर्देश पर पुलिस बच्चा को बरामद कर थाना ले आई थी।

मामले की जांच शुरू हुई तो तीन दिनों की जांच पड़ताल में पुलिस इस निष्कर्ष पर पहुंची कि बच्चा सच में संजू देवी का है। दरअसल, सख्ती हुई तो पूजा देवी टूट गई और उसने पुलिस को बताया था कि 1.40 लाख रुपये में बच्चा को ओंकार सिंह से खरीदी थी। ओंकार भी लटावर गांव हा ही था। पुलिस जब ओंकार से पूछताछ की तो उसने भी स्वीकार किया था कि नशे में बच्चा को चुरा कर पूजा को सौंप दिया था। इस कार्य में उसी गांव के तोता राजवंशी ने भी ओंकार का सहयोग किया था।

मामले का राजफाश होने के बाद पुलिस सभी का 164 के तहत कोर्ट में बयान दर्ज कराई थी। जिसके बाद बच्चा चोरी सहित अन्य धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस पूजा देवी, ओंकार सिंह व तोता राजवंशी को गिरफ्तार करते हुए जेल भेज दी थी। हालांकि, कुछ कानूनी पेंच के कारण वास्तविक मां को बच्चा नहीं सौंपा जा सका था। कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद मंगलवार को बच्चा को उसके मां संजू देवी को सुपुर्द किया गया। दो वर्ष बाद बच्चा को अपनी गोद में पाकर मां काफी खुश दिखी। बता दें कि लटावर गांव संजू का मायके है। ससुाराल मेसकौर गांव है।


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