अब तक अकबरपुर प्रखंड में मात्र दो वार्डों में पूर्ण हुआ नल-जल का कार्य
-गति धीमी होने के कारण तय समय पर काम नहीं हुआ पूरा शुद्ध जल के लिए करना पड़ेगा इंतजार ---------- -15 जून तक कार्य पूरा करने के लिए दिया गया था समय ------------- ़फोटो-01 संसू अकबरपुर
नवादा । अब तक प्रखंड में मात्र दो वार्डो में ही नल जल का कार्य पूर्ण हुआ है। ऐसे में शुद्ध जल के लिए लोगों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा। घर घर नल का जल पहुंचाने के लिए 15 जून तक समय तय किया गया था। गति धीमी होने के अब तक प्रखंड के 274 वार्डों में से महज दो वार्ड में ही कार्य पूरा हो सका है।
पीएचडी विभाग द्वारा दिए गए आंकड़ों पर गौर किया जाए तो प्रखंड के 12 पंचायत के 35 वार्डों में रहने वाले लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने की नल-जल का कार्य जारी है। इसमें 35 वार्ड में वार्ड क्रियान्वयन समिति द्वारा कार्य जारी है व 239 वार्डों में पीएचईडी विभाग की ओर से नल-जल योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाएगा। वार्ड क्रियान्वयन समिति की ओर से 56 योजनाओं का क्रियान्वयन कर रही है।
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प्रखंड के पदाधिकारियों को सौंपा गया था जांच का जिम्मा
वार्ड क्रियान्वयन समिति द्वारा प्रखंड के माखर पंचायत में 11 वार्ड में 17 नल-जल योजनाएं है जिसमें वार्ड 1 में कार्य पूर्ण हो चूका है। तैयार पंचायत के 6 वार्ड में 8 नल-जल योजनाओं में से सिर्फ 4 योजना में कार्य जारी है बाकि लंबित है। लेदहा पंचायत के 5 वार्ड में 7 योजनाओं में पाइप बिछ चूका हैं। जबकि पैजुना पंचायत के 10, फतेहपुर पंचायत के 11, बलिया बुर्जुग पंचायत के 4 नल-जल योजना के कार्य जारी है।
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हर घर नल जल योजना का नहीं मिल रहा लाभ, ग्रामीणों में रोष
राज्य सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट हर घर नल जल योजना की घोषणा से आम लोगों में शुद्ध पेयजल मिलने की आस जगी थी, लेकिन प्रखंड में यह महत्वाकांक्षी योजना अधिकारियों की उदासीनता की भेंट चढ़ रही है। गर्मी के मौसम में शुद्ध पेयजल का संकट अब भी लोग झेल रहे हैं। ऐसे में लोगों को मुख्यमंत्री हर घर नल जल योजना के चालू नहीं होने से व्यापक असंतोष है।
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नल-जल योजनाओं को हर हाल में 15 जून तक पूरा करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन संवेदक अपनी गति से ही काम पूरा कर रहे हैं। योजनाओं का क्रियान्वयन की भौतिक जांच के लिए प्रखंड से लेकर पंचायत स्तर के पदाधिकारियों को जिम्मा सौंपा गया था ताकि योजनाओं का क्रियान्वयन तेजी से हो व उसकी गुणवत्ता बनी रहे। निर्धारित समय सीमा पर प्रखंड में हर घर को नल का जल मिले, इसको लेकर आला पदाधिकारियों ने सख्ती बरती थी। संवेदकों को टास्क सौंपा था। लेकिन संवेदकों पर आदेश-निर्देश का असर नहीं हुआ, जो चिता का विषय है।
प्रिस कुमार, जेई, पीएचईडी