जिले में नसबंदी के प्रति पुरुषों ने नहीं दिखाया उत्साह
नवादा जिले में परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत पिछले महीने चलाए गए पुरुष नसबंदी पखवारा के दौ।
नवादा जिले में परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत पिछले महीने चलाए गए पुरुष नसबंदी पखवारा के दौरान लोगों में उत्साह नहीं दिखा। इस अवधि में महज 47 पुरुषों ने ही नसबंदी करवाई। जो कि लक्ष्य से पीछे रहा। विभाग ने हरेक पीएचसी को कम से कम 5-5 पुरुषों को प्रेरित करते हुए नसबंदी कराने का लक्ष्य दिया था। इस प्रकार कम से कम 70 पुरुषों की नसबंदी होनी चाहिए थी। लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
1679 पुरुषों को किया गया प्रेरित
-22 नवम्बर से 6 दिसंबर तक यह पखवारा मनाया गया था। इस अभियान के तहत आशा कार्यकर्ता व अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने जिले भर में 1679 पुरुषों को नसबंदी के फायदे बताते हुए उन्हें प्रेरित किया। जिन पुरुषों का परिवार पूरा हो गया था यानि 2 या 2 से अधिक बच्चे उनके परिवार में आ गए थे उन्हें जनसंख्या नियंत्रण के तहत नसबंदी कराने के लिए प्रेरित किया गया था। योजना के मुताबिक नसबंदी कराने वाले लाभुक पुरुषों को सरकार की ओर से 3 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जानी है। जबकि ऐसे लाभुक को प्रेरित कर अस्पताल तक लाने वाली आशा या अन्य उत्प्रेरक को सरकार 400 रुपये की प्रोत्साहन राशि देती है। जिले में पुरुष नसबंदी पखवारा के आंकड़ों पर गौर करें तो नरहट व नारदीगंज में सर्वाधिक 6-6 पुरुषों की नसबंदी हुई। वहीं अकबरपुर, नवादा सदर, रजौली अनुमंडलीय अस्पताल में 1-1 नसबंदी हुई।
महिलाओं में दिखा रूझान, 604 ने कराया बंध्याकरण
-विशेष पखवारा में सैकड़ों महिलाओं का बंध्याकरण किया गया। सबसे अधिक रजौली पीएचसी में 54 ऑपरेशन हुए। तो सबसे कम रजौली अनुमंडल अस्पताल में महज 2 ऑपरेशन हुए। रजौली में यह स्थिति तब है जबकि वहां फैमली प्लानर के काउंसलर भी बहाल हैं। अकबरपुर में 26, गो¨वदपुर में 41, काशीचक में 38, मेसकौर में 25, नारदीगंज में 28, नवादा में 28, रोह में 30 बंध्याकरण हुआ। इसके अलावा 648 महिलाओं ने बच्चों के जन्म अंतर के लिए वैकल्पिक साधनों का सहारा लिया।
कहते हैं अधिकारी
-सभी पीएचसी प्रभारी को निर्देशित किया गया है कि जहां ऑपरेशन कम हुआ है वहां स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के द्वारा इच्छुक पुरुषों को प्रेरित करते हुए नसबंदी करवाएं। योजना के तहत प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। इच्छुक किसी भी दिन पीएचसी में मुफ्त नसबंदी करा सकते हैं।
डॉ. श्रीनाथ प्रसाद, सिविल सर्जन, नवादा।
ग्राफिक्स
-290 महिलाओं ने बच्चों के जन्म में अंतर रखने के लिए लगवाया अंतरा इंजेक्शन।
-358 महिलाओं ने गर्भनिरोधक के रूप में कॉपर टी लगवाए।