नए कैदियों को 14 दिन तक अलग वार्ड में रखा जा रहा
विचाराधीन कैदी पुनरीक्षण कमेटी की बैठक रविवार को जिला जज राजेश नारायण सेवक पांडेय की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
विचाराधीन कैदी पुनरीक्षण कमेटी की बैठक रविवार को जिला जज राजेश नारायण सेवक पांडेय की अध्यक्षता में आयोजित की गई। व्यवहार न्यायालय में आयोजित बैठक में कमेटी के सदस्य जिलाधिकारी यशपाल मीणा, पुलिस अधीक्षक हरिप्रसाथ एस, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव प्रवीण कुमार सिंह तथा कारा अधीक्षक उपस्थित थे। बैठक में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अमित पांडेय तथा अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कुमार अविनाश भी गैर सदस्य के रूप में उपस्थित थे। कारा अधीक्षक ने कमेटी को समर्पित प्रतिवेदन के द्वारा बताया कि जेल में वैसे कोई भी कैदी बंद नहीं हैं जिन्हें दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 436-ए के तहत मुक्त किया जा सके। जेल में कैदियों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए किए जा रहे कार्य की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि जेल में आने वाले नए कैदियों की स्वास्थ्य जांच कराई जा रही है। शुरू के 14 दिनों तक नए कैदी को अलग वार्ड में रखा जाता है तथा नियमित जांच की जाती है। कैदी का स्वास्थ्य सही पाए जाने पर उन कैदियों को दूसरे वार्ड में भेजा जाता है। जेल के सभी कैदियों को मास्क दिया गया है, जिसका उपयोग कैदियों के द्वारा किया जा रहा है। जेल के महिला तथा पुरुष दोनों वार्ड में पर्याप्त संख्या में साबुन उपलब्ध होने की भी बात उन्होंने कही। पिछले कुछ दिनों में जेल आए नए कैदियों का स्वास्थ्य जांच प्रतिवेदन भी बैठक में समर्पित किया गया। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने पूर्व निर्धारित समय से पूर्व बैठक करने का निर्देश जारी किया है। इसके पूर्व यह कमेटी प्रत्येक तीन माह पर बैठक करती थी।