इस बार 15 जनवरी को मनेगी मकर संक्रांति
- सुबह 705 बजे से दोपहर 1225 स्नान व दान विशेष फलदाई होगा --------------------- संसू रजौली
नवादा। मकर संक्रांति पर्व का नाम आते ही हमें 14 जनवरी याद आ जाती है। कारण हिदू धर्म में एकमात्र मकर संक्रांति का पर्व ऐसा है, जो तारीख से मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा। पर्व पर स्नान दान का विशेष महत्व होता है। इस वर्ष सुबह 7:05 बजे से दोपहर 12:25 बजे तक स्नान व दान विशेष फलदाई होगा। बताया जा रहा है कि सूर्य ग्रह के एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश काल को सक्रांति कहा जाता है। साल में 12 संक्रांति होती है, लेकिन हिदू धर्म में मकर संक्रांति का विशेष महत्व है। सूर्य जब धनु राशि को छोड़कर मकर में प्रवेश करता है तो लोग मकर संक्रांति मनाते हैं। आमतौर पर सूर्य 14 जनवरी को ही धनु राशि से मकर में प्रवेश करता है। रजौली निवासी मां भगवती ज्योतिष वेद विज्ञान के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित वेद मूर्ति ने कहा कि सूर्य 14 जनवरी को रात्रि 2:08 बजे धनु राशि को छोड़ कर मकर राशि में प्रवेश कर रहा है। इसलिए यह पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा।
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निर्धन गरीबों के लिए लाभप्रद होगी संक्रांति
- पंडित वेदमूर्ति ने बताया कि सूर्य दक्षिणायन व उत्तरायण होते हैं। मकर संक्रांति के साथ ही सूर्य भगवान उत्तरायण हो जाएंगे। सूर्य के उत्तरायण होते ही क्रमश: दिन बड़े और रातें छोटी होना शुरू हो जाएगी। खरमास भी समाप्त हो जाएगा। शादी, विवाह, गृह प्रवेश जैसे शुभ काम जो एक माह से बंद है फिर से शुरू हो जाएंगे। इस बार संक्रांति गदर्भ पर बैठकर आ रही है। सफेद वस्त्र धारण किए हैं। शरीर पर मिट्टी का लेप कर रखा है। इसीलिए गरीबों-निर्धनों के लिए समय अच्छा होगा। मेवा, गुड़ शक्कर आदि के व्यापारियों को लाभ होगा। वेद मूर्ति ने कहा कि इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग में संक्रांति पर्व मनाया जाएगा। इसलिए स्नान दान का विशेष फल प्राप्त होगा। इस दिन तेल लगाकर स्नान करने के साथ खिचड़ी दान का महत्व माना जाता है।
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किस राशि पर क्या असर करेगी संक्रांति
मेष- भाग्यवर्धक,रोग
वृष- कष्ट,पीड़ा
मिथुन- चिता,सुख
कर्क- लाभ,पद प्राप्ति
सिंह- आमदनी,धार्मिक यात्रा
कन्या- पदोन्नति, संतोष
तुला- सुख,मानोसह्य
वृश्चिक- लाभ,भाग्य वर्धक
धनु- हानि,रोग
मकर- संघर्ष, हानि
कुंभ- धर्म,लाभ
मीन- आर्थिक लाभ,सुख