आज से शुरू हो रहा खरमास, बंद रहेंगे मांगलिक कार्य
(नवादा): खरमास एक जाना पहचाना शब्द है। इसके आने से पहले ही सभी शुभकार्य निपटाना चाहते है
(नवादा): खरमास एक जाना पहचाना शब्द है। इसके आने से पहले ही सभी शुभकार्य निपटाना चाहते हैं। खरमास में अशुभ की आशंका से सब डरते हैं। 15 दिसंबर खरमास आरंभ हो रहा है। जो 14 जनवरी मकर संक्रांति तक रहेगा। इस अवधि में मांगलिक कार्य बंद रहेंगे।
क्या है खरमास
- पंडित वेद मूर्ति कहते हैं कि खरमास शब्द खर और मास के संधि से बना है। खर का अर्थ होता है रूखा, कठोर खुरदरा, चरपरा, ठोस आदि और मास का अर्थ होता है महीना। तो खरमास का अर्थ हुआ ऐसा महीना जो रूखा हो खुरदरा हो। इस महीने में हमारी त्वचा रूखी होने लगती है।
कब होता है शुभ मुहूर्त
-हमारे व्रत त्यौहार और मुहूर्त आदि गणना के लिए मुख्यत: सौर मास और चन्द्र मास ग्राह्य हैं। इनमें भी ज्यादातर ज्योतिषियों ने विवाह और उपनयन(जनेऊ) के लिए चन्द्र मास की अपेक्षा सौर मास को ज्यादा महत्त्व दिया है। सौर वर्ष के बारह महीनों में से दो महीने जब सूर्य क्रमश: धनु और मीन राशि में होता है, खरमास माने जाते हैं। खरमास को ज्योतिषीय भाषा में धन्वर्क दोष और मीनार्क दोष कहा जाता है। अर्क का अर्थ होता है सूर्य। सूर्य के बारह राशियों में भ्रमण से ही वर्ष में बारह सौर मास होते हैं। सूर्य जब इसी प्रकार घूमता हुआ धनु राशि में आता है तो इसे धन्वर्क (धनु राशि का सूर्य) दोष और जब मीन राशि में आता है तो मीनार्क (मीन राशि का सूर्य) दोष या सरलता के लिए खरमास कहते हैं। इस प्रकार 12 सौर मासों में से दो खरमास बनते हैं। इस दौरान मुख्य रूप से विवाह उपनयन और गृहनिर्माण संबंधी कार्य को वर्जित माना जाता है। मीन, धनु और ¨सह राशि में सूर्य के रहने पर मुंडन, अन्नप्राशन, विवाह और गृहनिर्माण संबंधी कार्य नहीं करना चाहिए।