दुर्घटनाओं से चिंतित जुम्मन ने बना दिया ऑटोमेटिक रेल फाटक, लगे 6 महीने
बढ़ती रेल दुर्घटनाओं से चिंतित बिहार के नवादा जिले के एक मिस्त्री ने 60 हजार की लागत से ऑटोमेटिक मानव रहित रेल फाटक बना दिया।
नवादा [जेएनएन]। बढ़ती रेल दुर्घटनाओं से चिंतित और अपनी आंखों के सामने एक मानव रहित रेल फाटक पर दुर्घटना में हताहत लोगों को देखने के बाद नवादा के रामनगर मोहल्ले के अवधेश कुमार उर्फ जुम्मन मिस्त्री का दिल इतना पसीजा कि उसने ऑटोमेटिक मानव रहित रेल फाटक की रूपरेखा बुन ली। उसने इसका मॉडल बनाया, जिसकी तारीफ रेलवे अधिकारी कर रहे हैं। रेल अधिकारियों ने जुम्मन से प्रोजेक्ट बनाकर देने को कहा है।
जुम्मन का ऑटोमेटिक मानव रहित रेल फाटक ऐसा है जो ट्रेन आने के दौरान स्वयं गिर जाता है और ट्रेन गुजरने के बाद उठ जाता है। उसने रेल अफसरों को गुरुवार को इसके मॉडल को दिखाया और बताया कि इसे तैयार करने में 60 हजार रुपये खर्च हुए हैं। छह माह का समय लगा। इसमें एक बैट्री, साइकिल के व्हील, चेन के साथ अन्य सामान की मदद ली गई है।
दानापुर रेल मंडल के वरीय मंडल सुरक्षा पदाधिकारी एम. के.तिवारी ने गुरुवार को नगर के आइटीआइ मैदान पहुंचकर मॉडल का निरीक्षण किया। उन्होंने रेलवे के अन्य पदाधिकारियों के साथ ऑटोमेटिक मानव रहित रेल फाटक से वाहन को गुजारकर जांच की। अधिकारियों ने जुम्मन के बनाए गए मॉडल को काफी सराहा।
मेकनिकल सेंसर व डिजिटल सेंसर लगाया जाएगा
रेल अफसरों ने कहा कि इस मॉडल में मेकनिकल सेंसर व डिजिटल सेंसर लगाकर इसे विकसित करने की जरूरत है। इस प्रोजेक्ट को रेलवे के रिसर्च सेंटर लखनऊ भेजा जाएगा। विभाग द्वारा मॉडल का चयन होने पर कार्य को आगे बढ़ाया जाएगा।