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कागजों पर चल रहा जन औषधि केंद्र

नवादा जिले में लोगों को सस्ते दर पर दवा उपलब्ध कराने की योजना पूरी तरह दम तोड़ चुकी है। फलस्वरुप प्रधानमंत्री जन औषधि योजना का लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 May 2021 12:47 AM (IST)Updated: Thu, 20 May 2021 12:47 AM (IST)
कागजों पर चल रहा जन औषधि केंद्र

नवादा : जिले में लोगों को सस्ते दर पर दवा उपलब्ध कराने की योजना पूरी तरह दम तोड़ चुकी है। फलस्वरुप प्रधानमंत्री जन औषधि योजना का लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है। दिलचस्प यह है कि जिले में नौ स्थानों पर जन औषधि केंद्र का संचालन किया जा रहा है, लेकिन कागजों पर। धरातल पर यह केंद्र अभी कहीं नहीं संचालित है। पड़ताल में एक बात चौंकाने वाले मिली कि एक ही शख्स (पवन कुमार) के नाम पर सभी नौ जगहों पर केंद्र संचालन किया जा रहा है। केंद्र सरकार के वेबसाइट पर जिले में नवादा शहर, रोह, रूपौ, कौआकोल, पकरीबरावां, अकबरपुर, नारदीगंज, हिसुआ और रजौली में केंद्र संचालन की जानकारी अंकित है। जिसमें दुकान का पता भी दिया गया है। विभागीय पोर्टल के अनुसार अंकित पते पर नवादा में जानकारी ली गई तो इसका कहीं भी पता नहीं चला। नवादा नगर में पुरानी जेल रोड, अस्पताल रोड पता अंकित है। दिलचस्प यह भी कि पुरानी जेल रोड और अस्पताल रोड अलग मोहल्ले हैं। हालांकि दोनों मोहल्ले सटे हुए हैं। पर दोनों मोहल्लों में जन औषधि केंद्र के बारे में स्थानीय लोग नहीं बता सके। हालांकि कुछ स्थानों पर कुछ दिनों के लिए केंद्र खुलने की जानकारी मिल रही है, लेकिन अभी वह भी बंद पड़ा है। पकरीबरावां में पिछले छह महीने से जन औषधि केंद्र बंद है तो नारदीगंज, अकबरपुर, रोह, रुपौ में भी कमोबेश यही स्थिति है। रजौली में यह केंद्र खुला तक नहीं। हालांकि हिसुआ में जन औषधि केंद्र को पीएचसी में शिफ्ट कर दिए जाने की सूचना है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, 28 अप्रैल 2018 को केंद्र संचालन शुरू हुआ था।

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क्या है प्रधानमंत्री जन औषधि योजना

- प्रधानमंत्री जन औषधि योजना भारत के प्रधानमंत्री ?नरेन्द्र मोदी? द्वारा ?1 जुलाई 2015 को लाई गई थी। इस योजना के तह सस्ते दर पर उच्च गुणवत्ता वाली जेनरिक दवाईयों को उपलब्ध कराना था। जेनरिक दवाईयां ब्रांडेड या फार्मा की दवाईयों के मुकाबले सस्ती होती हैं, जबकि प्रभावशाली उनके बराबर ही होती है। प्रधानमंत्री जन औषधि अभियान मूलत: जनता को जागरूक करने के लिए शुरू किया गया हैं ताकि जनता समझ सके कि ब्रांडेड मेडिसिन की तुलना में जेनेरिक मेडिसिन कम मूल्य पर उपलब्ध हैं साथ ही इसकी क्वालिटी में किसी तरह की कमी नहीं हैं। इस योजना के तहत आम नागरिकों को बाजार से 60 से 70 फीसदी कम कीमत पर दवाइयां मुहैया कराना था।

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कहते हैं सिविल सर्जन

- ड्रग इंस्पेक्टर से जन औषधि केंद्र के संबंध में जानकारी मांगी गई है। जिसमें जिले में नौ स्थानों पर केंद्र के होने के बारे में जानकारी मिली है। लेकिन केंद्र का संचालन नहीं हो रहा है। इस संबंध में ड्रग इंस्पेक्टर को जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद इस संबंध में कार्रवाई की जाएगी।

डॉ. अखिलेश कुमार मोहन, सिविल सर्जन, नवादा।


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