बगैर हाजत के चल रहा है शाहपुर ओपी
वगत 36 वर्षों से क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा संभाले शाहपुर ओपी में हाजत नही ।
नवादा। विगत 36 वर्षों से क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा संभाले शाहपुर ओपी में हाजत कक्ष उपलब्ध नहीं है। अपना भवन मुहैया नहीं होने का दंश झेल रहे उक्त ओपी में स्थापना काल से अबतक किसी प्रभारी ने हाजत कक्ष निर्माण करवाने की जहमत नहीं उठाई। लिहाजा, हिरासत में लिए गए आरोपितों को हथकड़ी लगाकर दीवार में लगी कड़ी में लॉक कर दिया जाता है। फलस्वरूप, जेल भेजे जाने तक आरोपी मवेशियों की तरह खूंटे से बंधे नजर आते हैं। स्थानीय लोग बताते हैं कि 80 के दशक में आम चुनाव के बाद शाहपुर मोड़ समेत इलाके के गांवों में चोरी, छिनतई और लूटपाट की घटनाओं में हुई बेतहाशा वृद्धि हुई थी। जिससे परेशान स्थानीय लोगों ने तत्कालीन विधायक से उक्त स्थल पर फाड़ी खुलवाने की मांग की। तब शाहपुर मोड़ की सुरक्षा का जिम्मा काशीचक थाना के नियंत्रणाधीन एक चौकीदार के जिम्मे था। वर्ष 1981 में शाहपुर मोड़ पर तलाशी के दौरान एक कार से बड़ी संख्या में हथियार बरामद किए गए थे। तब से पुलिस विभाग के आलाधिकारी भी नवादा, नालंदा और शेखपुरा जिले की सीमारेखा पर स्थित शाहपुर मोड़ क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने के लिए ओपी की आवश्यकता महसूस कर रहे थे। फलत: जैसे ही विधायक की अनुशंसा पर विधानसभा दफ्तर ने नवादा के पुलिस अधीक्षक से ओपी की स्थापना संबंधी मंतव्य मांगा की अगले ही दिन स्थापना संबंधी प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दिया गया। परिणाम रहा कि 1982 में शाहपुर ग्रामीण रक्षा ¨सह के निजी भवन में शाहपुर ओपी का शुभारंभ हुआ। तत्पश्चात जिले के सीमावर्ती इलाके में आपराधिक घटनाओं पर लगाम लगाने में पुलिस को सफलता मिली।
कालक्रम में शाहपुर मोड़ ने बाजार का शक्ल अख्तियार कर लिया। लिहाजा रक्षा ¨सह के वंशजों को अपनी बेशकीमती •ामीन पर संचालित ओपी अखरने लगी। वर्ष 2008 में जमीन मालिक ने उच्च न्यायालय से अपने भवन पर कब्जा संबंधी आदेश प्राप्त कर लिया। लिहाजा, ओपी शाहपुर मोड़ स्थित बंद पड़े सिलाई प्रशिक्षण केंद्र में स्थानांतरित हो गया। आलम ये कि इस भवन में भी हाजत नहीं है। अन्य साधन की भी घोर कमी यहां है।
इस बाबत पूछे जाने पर ओपी अध्यक्ष विजय कुमार ने बताया कि भवन निर्माण के लिए विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है। जिसके आलोक में भूमि संबंधी प्रतिवेदन की मांग की गई थी, जिसे समर्पित किया जा चुका है। जल्द ही भवन निर्माण प्रारंभ होने की संभावना है।