एमडीएम बंद रहने से स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति प्रभावित
प्रखंड क्षेत्र के प्राथमिक और मध्य विद्यालयों के प्रधान शिक्षकों द्वारा एमडीएम बनाने से अपन ।
नवादा। प्रखंड क्षेत्र के प्राथमिक और मध्य विद्यालयों के प्रधान शिक्षकों द्वारा एमडीएम बनाने से अपने को अलग करने के फैसले के बाद विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति प्रभावित हो रही है। विद्यालय के किचेन से निकलने वाला धुआं की जगह चूल्हा ठंडा पड़ गया है। रसोइया का कार्य कर अपने बाल बच्चों का पोषण करने वाले गरीबों के समक्ष अचानक बेरोजगारी आन पड़ी है। एमडीएम बंद होने से विद्यालयों में चहल
पहल कम हो गई है। एमडीएम बनवाने की ¨चता लिए जो प्रधान जी विद्यालय पहुंचते ही सबसे पहले किचन का रूख करते थे अब आराम से शिक्षकों को कक्षा चलाने का निर्देश देते नजर आते हैं। दूसरी ओर सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को अब निजी विद्यालय के बच्चों की तरह लंच बॉक्स ले जाने की नौबत आ गई है। एमडीएम बनाने का कार्य बंद होने से रसोई घरो में पिछले 11 दिनों से ताला लटक रहा है। बता दें कि शिक्षक संघ द्वारा उच्च न्यायालय से प्राप्त फैसले के बाद वारिसलीगंज संघ ने जिले में सबसे पहले एमडीएम बंद करने का फैसला लिया और संघ का निर्णय को विद्यालयों के प्रधान पहली दिसंबर से ही लागू कर दिया है। सूत्रों की माने तो एमडीएम बनवाने के नाम पर शिक्षकों को अधिकारियों के कोप के साथ ही आर्थिक शोषण का शिकार होना पड़ता था। फलत: प्राथमिक शिक्षकों ने बैठक कर हाईकोर्ट के फैसले को अपनाने का निर्णय लेकर
अपने को एमडीएम बनवाने के कार्य से अलग कर लिया है।
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स्कूलों में बच्चे रह रहे भूखे
संसू, अकबरपुर : प्रखंड के सभी प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में सोमवार को सातवें दिन भी मध्याह्न भोजन का शिक्षकों ने बहिष्कार किया। संघ के आह्वान पर मध्यान्ह भोजन योजना से अलग करने की मांग पर शिक्षकों के अड़े रहने से विद्यालय में मध्यान भोजन वितरण ठप है। जिससे विद्यालय में बच्चों की संख्या में अप्रत्याशित कमी आई है तथा बच्चे भूखे शिक्षा पाने को मजबूर हैं।