हिसुआ नगर के विकास को 9 करोड़ का वार्षिक बजट पारित
हिसुआ नगर पंचायत के लिए शुक्रवार को 9 करोड़ 3 लाख का वार्षिक बजट पेश किया गया। जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया। बजट सत्र की अध्यक्षता मुख्य पार्षद कुन्ति देवी ने की।
हिसुआ नगर पंचायत के लिए शुक्रवार को 9 करोड़ 3 लाख का वार्षिक बजट पेश किया गया। जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया। बजट सत्र की अध्यक्षता मुख्य पार्षद कुन्ति देवी ने की। वित्तीय वर्ष 2019-20 का वार्षिक बजट उप मुख्य पार्षद शंभु शर्मा ने सदन के पटल पर रखा। बजट में हिसुआ नगर के विकास को लेकर कई तरह की योजनाएं तय हुई हैं। इनमें सर्वाधिक जोर पेयजल सुविधा पर दिया गया है। बजट सत्र में भाग लेते हुए तमाम पार्षदों ने इस बात पर जोर दिया कि गर्मी शुरू होने से पूर्व पेयजल की समुचित व्यवस्था सभी वार्डों में की जाए। जिस वार्ड में अब तक नल-जल योजना नहीं पहुंची है उस पर खास ध्यान दिया जाएगा। पेयजल संकट वाले वार्डों में बो¨रग कराकर वहां टंकी लगाने का प्रस्ताव लिया गया। जिस वार्ड में नल-जल योजना का कार्य पूरा हो गया है वहां मोटर पंप की देखभाल के लिए एक स्टाफ की बहाली करने पर भी विचार हुआ। उपमुख्य पार्षद ने साफ-सफाई को लेकर हिसुआ नगर क्षेत्र में चलंत शौचालय की व्यवस्था करने का प्रस्ताव लाया। जिसे ध्वनि मत से पारित किया गया।
-----------------
गरीबों को पक्का घर दिलाने के लिए पार्षदों से मांगी लाभुकों की सूची
-हरेक वार्ड सदस्य से अपने-अपने वार्ड से प्रधानमंत्री आवास के लिए सूची देने को कहा गया। ताकि गरीब परिवारों का पक्का घर बन सके। इसके अलावा नगर पंचायत क्षेत्र में वैसे गरीब परिवार जिनका राशन कार्ड किन्हीं कारण से रद्द हो गए हैं उनकी जांच कराकर कार्ड बनवाने, नगर पंचायत क्षेत्र में लाईट लगाने, सभी वार्डों में सफाई कर्मी व टीपर का रोस्टर बनाने, बिजली समस्या सहित अन्य समस्याओं पर भी गहन मंथन हुआ। मौके पर वार्ड 17 के वार्ड सदस्य छोड़ सभी वार्ड सदस्य, कार्यपालक पदाधिकारी डॉ. मनीष कुमार, लेखापाल, जेई सुबोध कुमार सहित संबंधित कर्मी उपस्थित थे।
--------------
लम्बित योजनाओं पर चर्चा नहीं हुई तो बाहर निकले पार्षद
-वार्षिक बजट के दौरान सदन में लम्बित योजनाओं पर बहस नहीं होने से वार्ड 12 के पार्षद दिलीप कुमार बैठक छोड़ बाहर निकल गए। बताया जाता है कि निविदा हुए करीब डेढ़ वर्ष से ज्यादा समय बीत जाने पर भी कार्य आरम्भ नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि दर्जन भर कार्यों की निविदा हुए डेढ़ साल बीत गया है। अभी तक कार्य आरम्भ नहीं हुआ है। कार्य आरम्भ नहीं होने से समस्यायें जस की तस हैं। उन्होंने बताया कि उनके इलाके में पेयजल का गंभीर संकट है। इस बारे में कार्यपालक पदाधिकारी डॉ. मनीष कुमार ने कहा कि अभी मैं योगदान लिया हूं। मामला मेरी संज्ञान में आया है। कार्रवाई की जाएगी।