जन आरोग्य योजना के कार्ड से गरीब का नहीं हो रहा इलाज
प्रखंड के हरदिया पंचायत के सेक्टर बी निवासी मोती रविदास अपनी पुत्री 15 वर्षीय पुत्री काजल कुमारी के इलाज के लिए सरकारी अस्पताल का चक्कर काट रहे हैं लेकिन उनका कोई सुनने वाला नहीं है। काजल को किडनी और लीवर में दिक्कत है और वह काफी दर्द से परेशान है। काजल के पिता मजदूर हैं और गरीब भी इतना कि महंगा इलाज उनकी औकात से बाहर की बात है।
प्रखंड के हरदिया पंचायत के सेक्टर बी निवासी मोती रविदास अपनी पुत्री 15 वर्षीय पुत्री काजल कुमारी के इलाज के लिए सरकारी अस्पताल का चक्कर काट रहे हैं लेकिन उनका कोई सुनने वाला नहीं है। काजल को किडनी और लीवर में दिक्कत है और वह काफी दर्द से परेशान है। काजल के पिता मजदूर हैं और गरीब भी इतना कि महंगा इलाज उनकी औकात से बाहर की बात है। प्रधानमंत्री जन अरोग्य योजना के तहत काजल के नाम से एक कार्ड है जिस पर 5 लाख रुपए का मुफ्त इलाज किसी भी अस्पताल में किया जा सकता है। लेकिन इसकी हकीकत कुछ और ही है। कार्ड लेकर बिहार-झारखंड के बड़े-बड़े अस्पतालों का चक्कर काट चुके हैं, लेकिन किसी भी अस्पताल में इस कार्ड का कोई सुध लेने वाला नहीं मिला। काजल के परिवार की माली हालत इतनी खराब है कि इलाज कराने के लिए उनके पास कुछ नहीं बचा है। अब काजल जिदगी और मौत की घड़ियों काट रही है। दर्द से जब परेशान होती है तो दर्द की दवा खाकर अपने पीड़ा को दबा लेती है। वह कर भी कुछ नहीं सकती है क्योंकि अब उसके परिवार के पास कुछ बचा नहीं है। पिता मोती रविदास ने नम आंखों से बताया कि बहुत मेहनत से 10 कट्ठा जमीन बचा कर रखा था लेकिन बेटी के इलाज के लिए 10 हजार रुपए कट्ठा के दर से उसे भी बेच दिया। इलाज के लिए सूद पर पैसा भी लिया। अबतक कुल 4 लाख रुपये खर्च कर चुका है लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। दर्द होने पर मोहल्ले वाले से चंदा लेकर बेटी की दवा लाता हूं। काजल कहती है कि दर्द कितना तेज होता है कि लगता है कि इससे बेहतर मौत ही आ जाती जो बढि़या होता।