सरकारी कार्यालय खुले, लेकिन जनता के लिए लक्ष्मण रेखा
जिले में सोमवार से सरकारी दफ्तरों का सन्नाटा टूटा है। लॉकडाउन के दूसरे चरण के सातवें दिन जिले के सभी सरकारी दफ्तरों में कर्मियों का पहुंचने का सिलसिला शुरू हुआ।
जिले में सोमवार से सरकारी दफ्तरों का सन्नाटा टूटा है। लॉकडाउन के दूसरे चरण के सातवें दिन जिले के सभी सरकारी दफ्तरों में कर्मियों का पहुंचने का सिलसिला शुरू हुआ। सरकार का निर्देश है कि एक तिहाई कर्मी ही रोस्टर के अनुसार ड्यूटी पर आएंगे। ऐसे में कर्मियों की पूरी उपस्थिति कार्यालयों में नहीं दिखी। कर्मी तो पहुंचे थे, लेकिन आम पब्लिक की उपस्थिति नहीं दिखी। वजह, अब भी जनता का प्रवेश सरकारी दफ्तरों में निषेध ही है। जिन कार्यालयों में काम-काज शुरू किया गया है, वहां कर्मचारी कार्यालय के लंबित व जरूरी कार्यों का ही निपटारा करते दिखे। श्रम विभाग, नगर परिषद, जिला परिषद, परिवहन, एमवीआइ, खनन विभाग आदि का कार्यालय एक ही परिसर में संचालित है। इन दफ्तरों के ताले खुले दिखे। कर्मी भी पहुंचे थे, लेकिन काम काज की रफ्तार मंद थी।
जिला परिवहन कार्यालय के वरीय सहायक अनिल कुमार से जब पूछा गया तो उनका कहना था कि फिलहाल कार्यालय अंदरूनी काम ही निष्पादित किया जा रहा है। आमलोगों के लिए कार्यालय नहीं खुला है। एक ट्रक ऑनर के वाहन का टैक्स लॉकडाउन की अवधि में जमा नहीं हो सका था। वे टैक्स जमा कराना चाहते हैं। लेकिन बताया गया कि फिलहाल यह काम नहीं हो रहा है। लॉकडाउन अर्थात 3 मई तक यह संभव नहीं है। ट्रक ऑनर को पेनाल्टी लगने का भय सता रहा है। वैसे विभाग द्वारा इतना जरूर आश्वस्त किया गया कि लॉकडाउन की अवधि में जिनका टैक्स फेल हुआ है उन्हें पेनाल्टी नहीं देना होगा। हां, लॉकडाउन शुरू होने के पूर्व जिनका ट्रैक्स फेल हुआ है, उन्हें पेनाल्टी देना पड़ेगा। पास के खनन विभाग कार्यालय पहुंचने पर अधिकारी व दो डाटा ऑपरेटर मिले। बताया कि कोई काम पब्लिक के लिए शुरू नहीं हुआ है। वैसे कोई लोग पहुंचे भी नहीं है। कमोवेश यही हाल अन्य दफ्तरों का भी रहा। सबसे ज्यादा भीड़-भाड़ वाले कार्यालर्यो में शामिल शिक्षा विभाग के कार्यालय में भी पब्लिक की नो इंट्री थी। जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार चौधरी ने कहा कि फिलहाल सरकार के दिशा निर्देशों के अनुरूप ही काम-काज शुरू किया गया है। कर्मियों की ड्यूटी के लिए रोस्टर बना दिया गया है। जो कर्मी ड्यूटी पर आ रहे हैं, उन्हें भी सावधानी बरतने को निदेशित किया गया है। लॉकडाउन की अवधि तक आम लोगों का कार्यालय में प्रवेश वर्जित रहेगा। समाहरणालय में राजस्व शाखा, उत्पाद अधीक्षक कार्यालय, जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग का काम काज भी इसी प्रकार रहा। जिला निबंधन कार्यालय में भी दो कर्मी के अलावा कोई नहीं दिखा। अपर समाहर्ता ओम प्रकाश का कहना है कि फिलहाल सरकारी कार्यालयों में एक तिहाई कर्मियों से ही काम लेना है। पब्लिक के कार्यालय आने व उनके कार्य निपटाए जाने से संबंधित कोई आदेश प्राप्त नहीं है।
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कार्यालय से लेकर सड़क और ढाबे पर भी पसरा रहा सन्नाटा
संस, रजौली : सोमवार को लॉकडाउन में शर्तों के साथ कई प्रतिष्ठान व कार्यालय खोलने की अनुमति मिलने के बाद सुबह बाजार में थोड़ी चहल-पहल दिखी, लेकिन उसके बाद फिर बाजार से लेकर कार्यालय तक में खामोशी छा गई। सभी कार्यालयों में रोस्टर बार कर्मी उपस्थित रहे, लेकिन लोगों की आवाजाही बंद रही। यहां तक कि एनएच 31 के आसपास स्थित ढाबे में भी कोई रौनक नहीं दिखी। पूरी तरह से चूल्हा ठंडा पड़ा हुआ था। टायर बनाने वाली दुकानों पर भी ताला लटका हुआ था। कुल मिलाकर यह कहा जाए की जिन जिन क्षेत्रों में सरकार ने छूट दी है उन जगहों पर भी पूरे दिन सन्नाटा छाया रहा। आज से सरकार ने जमीनों की रजिस्ट्री का कार्य भी शुरू कर दिया था, लेकिन वहां भी किसी तरह की भीड़ नहीं दिखी। अनुमंडल कार्यालय से लेकर प्रखंड कार्यालय व अन्य कई कार्यालय में अधिकारी और कर्मी दिन भर बैठे रहे लेकिन कोई भी अपनी शिकायत लेकर कार्यालय या अपने काम से संबंधित जानकारी लेने कार्यालय नहीं पहुंचा। अधिकारी और कर्मी अपने कार्यालय के काम निपटाने में दिनभर लगे रहे। सोमवार की सुबह लोगों की चेहरों पर काफी रौनक दिख रही थी सभी तरह की दुकानदार अपने-अपने दुकान की चाबी लेकर अपनी दुकान तक पहुंचे। ताला भी खोला, लेकिन कुछ देर में ही उन्हें पता चला कि सरकार ने सभी प्रकार की दुकान खोलने की इजाजत नहीं दी है। कुछ दुकानों को ही खोलने की अनुमति दी गई है। जानकारी के बाद दुकानदार फिर से अपनी दुकान का ताला बंद कर हाथों में सब्जी के थैली लटकाए हुए घर लौट गए। जो भी वर्कशॉप खुला वहां कोई बाइक सर्विसिग कराने नहीं पहुंचे। पिछले 4 दिनों से पुलिस के द्वारा लगातार बिना हेलमेट और कागजात वाले वाहनों की धर-पकड़ की जा रही थी। ऐसे में आधे से अधिक लोग पैदल ही बाजार पहुंच गए थे। हालांकि बैंकों व सीएसपी में ग्राहकों की काफी भीड़ दिखी। सीओ संजय कुमार झा और थानाध्यक्ष सुजय विद्यार्थी एसटीएफ जवानों के साथ क्षेत्र में घूम-घूमकर पल-पल की जानकारी ले रहे थे।