कोडरमा के पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष महेश राय समेत चार पर प्राथमिकी
नवादा। अभ्रक के अवैध खनन व विस्फोटक रखने के आरोप में पड़ोसी राज्य झारखंड के कोडरमा जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष महेश राय
नवादा। अभ्रक के अवैध खनन व विस्फोटक रखने के आरोप में पड़ोसी राज्य झारखंड के कोडरमा जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष महेश राय सहित चार लोगों के खिलाफ रजौली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। दर्ज कराई गई प्राथमिकी में पूर्व जिप अध्यक्ष के भाई आनंद राय, कलीम अंसारी व राजू अंसारी को भी आरोपित बनाया गया है। प्राथमिकी वन विभाग द्वारा दर्ज कराई गई है। उक्त चारों के खिलाफ वन विभाग ने अपने यहां भी वन विभाग की भूमि पर अभ्रक के अवैध खनन करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की है। दोनों प्राथमिकी वन विभाग के फॉरेस्टर वीरेंद्र कुमार पाठक द्वारा दर्ज कराई गई है।
थाने को दिए लिखित आवेदन में फॉरेस्टर ने कहा है कि 31 दिसंबर को वन विभाग और पुलिस की टीम द्वारा संयुक्त रूप से चटकरी स्थित शारदा अभ्रक खदान पर अवैध उत्खनन को रोकने को लेकर छापेमारी की गई थी। इस दौरान अभ्रक खदान से 5 पावर जेल, 2 डेटोनेटर बरामद हुआ। शिकायत में कहा गया है कि शारदा अभ्रक खदान पर कोडरमा के महेश राय, उनके भाई आनंद राय, ढोड़हकोला के कलीम अंसारी और राजू अंसारी विस्फोटक से अभ्रक खदान को उड़ाते हैं और इसे अवैध रूप से खनन करवाते हैं।
वहीं वन विभाग ने अपने यहां जो प्राथमिकी दर्ज की है उसमें भी इन्हीं लोगों पर आरोप लगाया गया है कि वन विभाग की भूमि पर स्थित शारदा के अभ्रक खदान में इन लोगों के द्वारा लगातार जेसीबी मशीन से अभ्रक का अवैध रूप से उत्खनन किया जा रहा है। इन लोगों पर एक प्राथमिकी थाने में दर्ज की गई है और दूसरा वन विभाग में। बताते चलें कि 31 दिसंबर को वन विभाग के डीएफओ अवधेश कुमार ओझा और एएसपी अभियान कुमार आलोक के नेतृत्व में एसटीएफ और स्वाट के जवानों ने शारदा अभ्रक खदान पर छापेमारी की थी। इस दौरान एक पोकलेन मशीन, तीन मोटरसाइकिल जब्त किया गया था। 5 पावर जेल व 2 जिलेटिन की भी बरामदगी हुई थी। हालांकि पुलिस को देखकर अभ्रक के धंधेबाज घने जंगल में भागने में सफल हो गए थे।
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पूर्व मे महेश राय पर दर्ज कराई गई थी प्राथमिकी
- बता दें कि इससे पूर्व भी महेश राय और आनंद राय सहित कई अभ्रक के माफिया के विरुद्ध वन विभाग और पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है। अवैध उत्खनन पर रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन से लेकर स्थानीय प्रशासन तक के अधिकारी लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन पूर्ण रूप से उत्खनन पर रोक नहीं लग पा रहा है। पुलिस और वन विभाग की टीम लगातार अभ्रक के अवैध उत्खनन को रोकने के लिए छापेमारी व ग्रामीणों को जागरूक कर रही है, लेकिन अभ्रक माफिया ने स्थानीय ग्रामीणों को प्रलोभन में फंसा कर अवैध उत्खनन कराने को मजबूर कर देते हैं। 28 दिसंबर को दिन में चटकरी गांव में महेश राय ने स्थानीय मजदूर वह अभ्रक के धंधेबाज के साथ बैठक किया था। और अभ्रक के अवैध उत्खनन करने को लेकर रणनीति बनाई गई थी।
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अवैध खनन में कई हैं आरोपित
- अभ्रक के अवैध खनन में महेश राय व आनंद राय के अलावा कई और लोग भी पूर्व में दर्ज प्राथमिकी में आरोपित हैं। जिनमें ब्रह्मदेव सिंह, रमेश यादव, तुलसी, मनसूर मियां, सबदर मियां, दुर्गा सिंह, सलीम मियां, केदार सिंह, विनोद राजवंशी, लालजीत सिंह, महिद्र तुरिया आदि के नाम शामिल हैं। आरोपितों की गिरफ्तारी की बारे में बात करें तो अब तक सिर्फ ब्रह्मदेव सिंह की ही पकड़ में आ सके हैं। बाकी सब फरार चल रहे हैं या फिर न्यायालय से जमानत प्राप्त कर चुके हैं।