बाल मजदूरों को बंधक बनाने में ठेकेदार के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज
नवादा। प्रखंड के डुमरावां पंचायत की डुमरावां मुशहरी से लगभग दो दर्जनों नाबालिग बच्चों को बंधक बनाकर
नवादा। प्रखंड के डुमरावां पंचायत की डुमरावां मुशहरी से लगभग दो दर्जनों नाबालिग बच्चों को बंधक बनाकर उससे कार्य करावाने का मामला उजागर हुआ है। रालोसपा के प्रखंड अध्यक्ष राजेश कुमार ने इस मामले से तटवासी समाज न्यास नवादा के जिला समन्वयक कल्याणी कुमारी को अवगत कराया था। मामले को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने गांव पहुंचकर मामले की जानकारी ली। और पीड़ित परिवार को पकरीबरावां थाना ले जाकर जालसाज ठेकेदार के विरूद्ध शिकायत दर्ज कराई। गांव के ही सरयुग मांझी के द्वारा प्राथमिकी दर्ज करवाई गई। ठेकेदार को इसमें आरोपित किया गया है।
बताया जाता है कि नालंदा जिले के राजगीर थाना बराकर पंचायत की विस्थापति गांव निवासी दिनेश चौधरी के पुत्र अरबिन्द चौधरी ने एक वर्ष पूर्व अनुसूचित जाति के बच्चों संजय मांझी के 12 वर्षीय पुत्र सुन्दर मांझी,छोटे मांझी के 13 वर्षीय पुत्र गुड्डु कुमार,संजय मांझी के 13 वर्षीय पुत्र विपिन कुमार,उमेश मांझी के 10 वर्षीय पुत्र बंटी कुमार,अर्जून मांझी के 12 वर्षीय पुत्र सूलो कुमार,लालजीत मांझी के 13 वर्षीय पुत्र जितेन्द कुमार,रामफल मांझी के 12 वर्षीय पुत्र गोविन्द मांझी,छोटे मांझी के 11 वर्षीय पुत्र नीरज कुमार,कम्मु मांझी के 12 वर्षीय पुत्र बॉंबी कुमार,मोती मांझी के 12 वर्षीय पुत्र सोनु कुमार,राजकुमार मांझी के 12 वर्षीय पुत्रा लखिन्द्र मांझी,सरयूुग मांझी के 13 वर्षीय पुत्र राजो मांझी,योगी मांझी के 13 वर्षीय पुत्र दिनदयाल कुमार,ब्रहम्देव मांझी के 11 वर्षीय पुत्रा रवि कुमार,उमेश मांझी के 12 वर्षीय पुत्र प्रमोद कुमार,सूलो मांझी के 12 वर्षीय पुत्र दिलीप कुमार,डोमा मांझी के 12 वर्षीय पुत्र सनोज कुमार,सुरेश मांझी के 10 वर्षीय पुत्र गोविन्द मांझी,सौदागर मांझी के 14 वर्षीय पुत्र राजेश कुमार,राजो मांझी के 13 वर्षीय पुत्र गुलशन कुमार,सुषमा मांझी के 12 वर्षीय पुत्र रिजो मांझी आदि को साथ ले गया था। उसके बाद से ठेकेदार का कोई आत पता नहीं चल पा रहा था और न ही बच्चों का ही। इसी दौरान संजस मांझी के पुत्र सुंदर मांझी की तबीयत एकाएक खराब हो गई तो जयपुर से एक चूड़ी फैक्ट्री के मालिक ने उसके अभिभावक को दूरभाष पर संपर्क कर अपने बच्चे को ले जाने को कहा। तब मामले का खुलासा हुआ कि सभी बच्चे राजस्थान के चूड़ी फैक्ट्री में काम कर रहे हैं। ग्रामीण जब वहां पहुंचे तो अपने बच्चों की हालत देख काफी दु:खी हुए। बच्चों को वहां से लाने का प्रयास किया तो फैक्ट्री मालिक ने रोक दिया। ले जाने के पूर्व बकाया 10-10 हजार रुपये की मांग की। इस बावत थानाध्यक्ष ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। आरोपित ठेकेदार की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।